अहम फैसले की घड़ी नजदीक
लखनऊ। मौलाना तौकीर रजा खां की अगुवाई वाली आल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल और समाजवादी पाट
लखनऊ। मौलाना तौकीर रजा खां की अगुवाई वाली आल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल और समाजवादी पार्टी के बीच रिश्ते को लेकर फैसले की घड़ी नजदीक आ गई है। तलाक होगा या जुड़ाव रहेगा, 11 जनवरी को तय हो जाएगा। मौलाना जिलाध्यक्षों से मशवरे के बाद बरेली में गठबंधन बना रहने या तोड़ने का एलान करेंगे।
फैसला लेने के लिए मौलाना ने आइएमसी दफ्तर पर शनिवार को बैठक बुलाई है। सुबह 11 बजे से होने वाली बैठक में सभी जिलाध्यक्षों को बुलाया गया है। सपा से लोकसभा चुनाव के लिए हुए गठबंधन पर सलाह ली जाएगी। जिलाध्यक्ष अपनी बात रखेंगे, उसके बाद मौलाना की तकरीर होगी। बैठक को सियासी तौर पर काफी अहम माना जा रहा है। जहां तक संभावना का सवाल है तो आइएमसी और सपा के रिश्ते कायम रह पाना मुश्किल दिख रहा है। मौलाना मुख्यमंत्री को अपना सशर्त इस्तीफा दे चुके हैं। सरकार न तो उनकी दंगों की जांच को आयोग, मुकदमे से बेगुनाहों के नाम निकालने, पीसीएस जे में उर्दू पेपर फिर से शुरू करने की मांगें पूरी कर रही है और न ही सपा नेतृत्व की तरफ से मौलाना को मनाने के प्रयास देखने को मिले हैं। उल्टे बरेली से सपा प्रत्याशी आयशा इस्लाम के ससुर एवं पूर्व विधायक इस्लाम साबिर घोषणा कर चुके हैं, मौलाना को हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग के सलाहकार पद से बर्खास्त किया जा चुका है। ऐसे में आइएमसी और सपा गठबंधन का ऊंट किस करवट बैठेगा, अभी से साफ हो रहा है।
बहरहाल इस मुद्दे पर मौलाना तौकीर रजा खां अभी कुछ नहीं कह रहे हैं, जो कहना है बैठक में जिलाध्यक्षों के बीच कहेंगे। पार्टी प्रवक्ता डा. नफीस खां का कहना है-11 को होने वाली बैठक में तमाम विकल्पों पर विचार होगा। आखिरी फैसला मौलाना ही लेंगे।
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