Move to Jagran APP

दस साल से सिर्फ चाय पीकर जी रही सुनीता

गोरखपुर (हेमन्त पाठक)। कहर बनी इंसेफेलाइटिस ने पूर्वाचल के करीब आठ हजार बच्चों की जिंदगी

By Edited By: Published: Mon, 09 Dec 2013 02:01 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2013 02:27 AM (IST)
दस साल से सिर्फ चाय पीकर जी रही सुनीता

गोरखपुर (हेमन्त पाठक)। कहर बनी इंसेफेलाइटिस ने पूर्वाचल के करीब आठ हजार बच्चों की जिंदगी तबाह कर दी है। इनमें से काफी इलाज के बाद किसी तरह जिंदा तो बच गए, लेकिन अब उन्हें ऐसी जिंदगी मिली है जो मौत से भी बदतर है। गोरखपुर की कुमारी सुनीता भी ऐसे ही बच्चों में है।

loksabha election banner

वह 2002 में अचानक इंसेफेलाइटिस की चपेट में आ गई। किसी तरह बचने के बाद विकलागता के चलते जिंदगी बोझ बन गई है। उठ या बैठ तक नहीं सकती। दो कदम चलने के लिए भी सहारे की दरकार रहती है। वह ठोस आहार भी नहीं ले सकती। हालत ऐसी है कि दस साल से किसी तरह चाय या पानी पीकर जिंदगी काट रही है। सुनीता के भाई रमेश बताते हैं कि कई छोटे-बड़े अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उरुवा निवासी 23 वर्षीय असरुल निशा भी इसी कहर के चलते विकलाग हुईं। दस साल की सब्या की हालत भी ऐसी ही है।

बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य व बाल रोग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर केपी कुशवाहा का कहना है कि दिमाग के एक खास हिस्से पर असर के चलते पीड़ित न तो जबड़ा व जीभ चला पाता है और न ही ठोस आहार निगल पाता है। ऐसे बच्चे सिर्फ तरल पदार्थ ही ले पाते हैं।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.