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मुसलमानों के बिना देश की तरक्की नहीं : श्रीप्रकाश

By Edited By: Published: Mon, 14 Jan 2013 08:22 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2013 08:23 AM (IST)
मुसलमानों के बिना देश की तरक्की नहीं : श्रीप्रकाश

- 65 वर्ष में अंधेरे में गुजर गयीं 11 पंचवर्षीय योजनाएं : मौलाना फजलुर रहीम

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-सच्चर कमेटी गठित कर सोनिया व मनमोहन ने दिखाया आइना

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : केन्द्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सच्चर कमेटी गठित कर देश को आइना दिखाने का काम किया है। जायसवाल रविवार को राजधानी के गन्ना संस्थान सभागार में काग्रेस कमेटी की अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रम समीक्षा ईकाई और स्ट्राइव फार एमिनेंस एण्ड इम्पावरमेंट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 12वीं पंचवर्षीय योजना और अल्पसंख्यक विषयक राष्ट्रीय सेमिनार को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।

जायसवाल ने कहा कि जो लोग कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टीकरण का इल्जाम लगाते हैं उनको आइने में देख लेना चाहिए कि सच्चर कमेटी ने अल्पसंख्यकों का क्या हाल बयां किया है। इसका उद्देश्य सबसे पिछड़े कौम को मुख्य धारा में लाना है। सच यही है कि मुसलमानों की तरक्की के बिना देश तरक्की नहीं कर सकता। 12वीं पंचवर्षीय योजना में मुसलमानों के हित के लिए लागू योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का काम पैसे देने का है, लेकिन इसे लागू कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। राज्य सरकारें केन्द्र के पैसे का सदुपयोग करने की बजाय राजनीति में लग जाती हैं। एनआरएचएम के तहत केन्द्र से पैसा आया, जिससे सरकार ने समाजवादी एंबुलेंस चला दी। इसका कोई औचित्य नहीं था। एक उद्योगपति के मोदी की तुलना गांधी से करने पर उन्होंने हैरत प्रकट की और कहा कि ऐसे लोगों को अगर अपने स्वार्थ में गोडसे को भी गांधी बनाना पड़े तो कोई परहेज नहीं होगा।

सेमिनार के मुख्य वक्ता स्ट्राइव फार एमिनेंस एण्ड इम्पावरमेंट के चेयरमैन मौलाना फजलुर रहीम मुजाद्दीदी ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि दूसरी कौमों की तरह मुसलमानों की तरक्की नहीं हुई। 65 साल में 11 पंचवर्षीय योजनाएं अंधेरे में गुजर गयीं, लेकिन अब हम 12 वीं योजना में एक-एक पैसे का हिसाब लेंगे। अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति की प्रक्रिया को आसान करने की मांग रखते हुए उन्होंने कहा कि मुसलमानों के कई ऐसे मुद्दे हैं, जिसमें उनके साथ नाइंसाफी हुई है। चार वर्ष के अंदर एक करोड़ पांच लाख इंदिरा आवास बने और इसमें मुसलमानों के हिस्से के 16 लाख मकान हैं, लेकिन इस अवधि में केवल दो लाख मकान मुसलमानों को मिले। स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना में भागीदारी सिर्फ चार प्रतिशत है, जबकि उनकी हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है। कस्तूरबा गांधी स्कूलों में अल्पसंख्यकों का नामांकन भी काफी कम है।

सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सांसद निर्मल खत्री ने कहा कांग्रेस ने जज्बाती नारों की बजाय बुनियादी पड़ताल कर मुसलमानों को आगे बढ़ाने का काम किया। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. रीता बहुगुणा जोशी ने मुसलमानों का आह्वान किया कि अगर आप जाग गये तो कोई ताकत नहीं जो आपकी मांग पूरा होने से रोक सके। उर्दू अरबी विश्वविद्यालय के कुलपति अनीस अंसारी, सांसद जफर अली नकवी, विधायक डॉ. मुस्लिम, मसूद अहमद, जिया उस्मानी और कार्यक्रम के आयोजक अरशद आजमी ने मुस्लिम समाज की कठिनाइयों और उनकी जरूरतों पर फोकस किया।

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