दस हजार जवानों की भर्ती करेगा एसएसबी
लखनऊ। अब बेरोजगारों के लिए सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) रोजगार के द्वार खोलने जा रहा है। संगठन 1
लखनऊ। अब बेरोजगारों के लिए सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) रोजगार के द्वार खोलने जा रहा है। संगठन 10 हजार 188 सिपाही व एसआइ की भर्तियां करेगा। यह भर्तियां तीन साल के अंदर कई चरणों के दौरान होंगी। पहले चरण में 300 से 500 तक भर्तियां होंगी। भर्तियों के साथ एसएसबी का 65 बटालियन से बढ़कर 74 बटालियन तक विस्तार हो जाएगा। एसएसबी महानिरीक्षक अविनाश चंद्रा ने यहां बताया कि पिछले दो वर्षो में एसएसबी ने 7147 पुरुष व महिला सिपाहियों की भर्तिया कीं। भर्ती प्रक्रिया जारी है।
महानिरीक्षक अविनाश चंद्रा ने बताया कि उन्हें हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने छह आतंकियों की फोटो भेजी है। एसएसबी उनकी तलाश में जुटी है। आतंकियों को पकड़ने के लिये भारत-नेपाल बॉर्डर पर जवानों को सतर्क कर दिया गया है।
महानिरीक्षक ने बताया कि भारत-नेपाल बॉर्डर पर बड़ी मात्रा में अफीम, चरस, हेरोइन की तस्करी हो रही है। एसएसबी ने ऐसे टॉप टेन बदमाशों की एक लिस्ट बनाई है, जो भारी मात्रा में तस्करी कर रहे हैं। महानिरीक्षक ने बताया कि इस तस्करी में महिलाएं भी शामिल हैं।
भारत-चीन युद्ध के दौरान सन 1963 में एसएसबी की स्थापना हुई। 1964 में दो बटालियन से शुरुआत करने वाली एसएसबी मौजूदा समय में 65 बटालियन तक अपना विस्तार बढ़ा चुकी है। एक बटालियन में 1132 जवान होते हैं। एसएसबी की स्थापना का मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती नागरिकों को राष्ट्र की मुख्य धारा में शामिल करना था। एसएसबी को पहले विशेष सेवा ब्यूरो नाम से जाना जाता था। जनवरी 2001 के दौरान एसएसबी को गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में प्रतिष्ठित किया गया। जून 2001 में एसएसबी को भारत-नेपाल सीमा के 1751 किमी लंबे सीमा क्षेत्र की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई। मार्च 2004 में एसएसबी को भूटान से लगे 669 किमी सीमा क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई। 15 दिसंबर 2003 से एसएसबी को सशस्त्र सीमा बल के नाम से जाना जाता है।
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