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आखिरी समय तक नहीं टूटी चुप्पी

ललितपुर ब्यूरो : मतदाताओं की खामोशी से प्रत्याशी समेत कार्यकर्ता भी उलझे नजर आए। खासतौर पर मुस्लिम औ

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Feb 2017 01:32 AM (IST)Updated: Fri, 24 Feb 2017 01:32 AM (IST)
आखिरी समय तक नहीं टूटी चुप्पी
आखिरी समय तक नहीं टूटी चुप्पी

ललितपुर ब्यूरो : मतदाताओं की खामोशी से प्रत्याशी समेत कार्यकर्ता भी उलझे नजर आए। खासतौर पर मुस्लिम और दलितों ने सबकी हाँ में हाँ मिलाई पर ईवीएम का बटन मनपसन्द प्रत्याशी पर ही दबाया। अब सभी को 11 मार्च का इन्तजार है। इस दिन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला हो जाएगा। फिलहाल, जनपद में हुए इस अप्रत्याशित मतदान से सभी प्रत्याशियों की नींद उड़ गयी हैं। उनके द्वारा लगाए गए सारे समीकरणों को मतदाताओं ने बिगाड़ कर रख दिया है। कहीं भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि इस दफा जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा। कहीं साइकिल तो कहीं फूल तो कहीं हाथी का शोर सुनायी दिया। मतदाताओं से मिले रुझानों से दोनों विधानसभाओं में त्रिकोणीय मुकाबला नजर आया। वहीं, परम्परागत वोटों में हुई जबरदस्त सेंधमारी से भी राजनेताओं के गणित बिगड़ गए। निर्दलीय प्रत्याशी भी काफी जोश खरोश के साथ मैदान में खड़े दिखायी दिये।

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गुरूवार को जिले की महरौनी व ललितपुर सीट पर वोट डाले गए। दोनों ही सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय का रहा। प्रत्याशियों ने जो चुनावी रणनीति तय की थी, मतदाता इस बार उनसे भी आगे निकल गए। मतदाताओं ने इस बार लगभग सभी की हाँ में हाँ मिलाई। यहाँ तक कि निर्दलीय प्रत्याशियों तक से कह दिया कि इस बार वोट आपको ही देंगे, लेकिन किया अपने मन का। इससे पहले मतदाताओं में चुनाव को लेकर जबरदस्त उत्साह दिखा। बड़ी संख्या में लोग सुबह से ही मतदान के लिए लाइनों में लग गये और एक-एक कर मत का प्रयोग कर 11 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद किया। यही वजह है कि पिछले 10 वर्षो में मतदान का प्रतिशत सीधे-सीधे 58.58 प्रतिशत से लाँघकर 73 फीसदी पर जा पहुँचा। बात, प्रत्याशियों के गणित और मतदाताओं के रुख की करे, तो बड़े पैमाने पर हुये मतदान वृद्धि ने सभी दलों के गणित बिगाड़ दिए है। खासतौर पर जिन वोटों को प्रत्याशी अपने खातों में जोड़कर देख रहे थे, उनमें भी जबरदस्त सेंधमारी हुई। जिसके चलते चुनाव की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी और मुकाबला त्रिकोणीय देखा जा रहा है। हालाकि सभी दल मतदान प्रतिशत बढ़ने पर अपना फायदा गिना रहे है। यही मिलती-जुलती स्थिति महरौनी विधानसभा सीट पर भी दिखाई दी। यहाँ भी मुकाबला त्रिकोणीय दिखाई दिया। हालाँकि निर्दलीय प्रत्याशी भी किसी से पीछे नहीं दिखे। आरक्षित महरौनी विधानसभा सीट के लिए 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। मुकाबला भाजपा, बसपा व काँग्रेस के बीच ही सिमटता दिखा, लेकिन समता दल समर्थित प्रत्याशी को भी कम नहीं आँका गया। यहाँ भी अपने-अपने आँकड़ों के आधार पर प्रत्याशी जीत के दावे करते दिखे। प्रत्याशी अप्रत्याशित ढग से हुई वोटिग को लेकर हतप्रभ भी रहे। उनका अनुमान था कि जागरुकता के बावजूद मतदान का प्रतिशत ठीक-ठाक रहेगा, लेकिन यहाँ तो जबरदस्त वोटिग का ग्राफ बढ़ा और वोटरों ने डिक्टेशन हासिल की। फिलहाल, दोनों ही विधानसभा सीटों पर बड़े पैमाने पर हुए मतदान से सभी राजनैतिक दलों के गणित बिगड़ गये है। चुनावी गणितज्ञ भी नहीं सोच पा रहे कि आखिर बढ़ा हुआ वोट चुनाव में क्या गुल खिलायेगा लेकिन उनका कहना है कि चुनाव के परिणाम काफी अप्रत्याशित होंगे। प्रत्याशी भले ही अपनी जीत का दावा कर रहे हों, लेकिन अन्दर ही अन्दर उन्हे हार का भी भय सता रहा है। वास्तविकता यह है कि उनके लिए 11 मार्च को होने वाली मतगणना तक के दिन काटना मुश्किल हो गये है।

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-- कम्पाइल..--

किसकी होली में चढ़ेगा जीत का रग?

- 11 मार्च को होनी है मतगणना, 12 को होलिका दहन, 13 को खेला जाएगा रग

ललितपुर ब्यूरो : विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो गया है। अब किसकी होली में जीत का रग चटख होगा और किसी होली फीकी जाएगी। इसका पता तो 11 मार्च को ही चलेगा।

फाल्गुन का महीना आते ही होली के रग बिखरने लगते है। इस वर्ष भी होली कुछ खास रग लेकर आई है। होली से ठीक एक दिन पहले 11 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने है। वहीं 12 मार्च को होलिका दहन होगा, 13 मार्च को रग खेला जाएगा। प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद होने के बाद उनके समर्थकों और जनता में एक ही चर्चा है कि इस बार होली का रग किसके ऊपर चढ़ेगा और किसकी होली फीकी हो जाएगी।

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बॉक्स में -

बूथों पर दिखा उत्सव जैसा माहौल

ललितपुर : ललितपुर विधानसभा में मतदान केन्द्रों पर गुरूवार को उत्सव जैसा माहौल दिखाई दिया। किसानों ने पूरे दिन खेती-बाड़ी का काम बन्द रखकर मतदान किया। वहीं, महिलाएं भी बच्चों को गोद में लेकर मतदान केन्द्रों पर पहुची। मतदान केन्द्र से 200 मीटर की दूरी पर ग्रामीण जगह-जगह चौपाल लगाए देखे गए। वहीं मतदान के लिए 17 विकल्पों के अलावा मतदाता वोटर सूची को भी मान्य माना गया। किसी भी पीठासीन अधिकारी ने आधार का कार्ड व अन्य विकल्प नहीं पूछे।

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बॉक्स में -

मॉडल बूथों की सजावट ने लुभाया

ललितपुर : मतदाताओं में मतदान के प्रति जागरुकता लाने के लिए आयोग के निर्देश पर दोनों विधानसभा में मॉडल बूथ बनाए गए थे। इन बूथों पर साज-सज्जा के अलावा रगोली के माध्यम से मत देने के लिए आने वाले मतदाताओं का वेलकम किया गया।

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बॉक्स में -

कई वोटर मतदान से रहे वंचित

ललितपुर : विधानसभा चुनाव के दौरान जिला निर्वाचन कार्यालय की लापरवाही समाने आई है। बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम सूची में नहीं मिले। इससे नाराज लोगों ने अलग-अलग मतदान केन्द्रों पर हगामा किया। उन्होंने इसकी शिकायत अधिकारियों से भी की, लेकिन अधिकारियों ने भी लिस्ट में नाम होने की बात कहते हुए वोट डालने की बात कही। ऐसे में कई मतदाता अपने मत का प्रयोग नहीं कर सके। बात यहाँ यह है कि प्रशासन द्वारा मतदाताओं को जागरुक करने के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देश पर अभियान चलाया गया, वहीं कई ऐसे लोग दिखे जो मतदान करने के लिए यहाँ पहुचे, लेकिन निर्वाचन विभाग की लापरवाही के चलते वोट नहीं डाल सके। इनमें से एक शिशु मन्दिर के पीछे निवासी नरेन्द्र सोलंकी पुत्र महेश पहुंचे, वह भी वोट नहीं डाल सके।


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