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प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगे रोक

ललितपुर ब्यूरो : नगर कांग्रेस कमिटि ने मुख्यमन्त्री के नाम जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Apr 2017 01:25 AM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 01:25 AM (IST)
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगे रोक
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगे रोक

ललितपुर ब्यूरो : नगर कांग्रेस कमिटि ने मुख्यमन्त्री के नाम जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया कि प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा अभिभावकों से मनमाने तरीके से फीस वसूल की जा रही है, जिस पर प्रभावी तरीके से रोक लगाई जाये। साथ ही चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो उग्र आन्दोलन किया जायेगा।

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ज्ञापन में कहा गया कि जनपद के अधिकाँश प्राइवेट स्कूल कमाई का अड्डा बन गये हैं। बच्चों के प्रवेश से लेकर वार्षिक परीक्षा तक अभिभावकों को कई प्रकार की फीस के नाम पर धनराशि वसूली जाती है। प्राइवेट स्कूलों द्वारा अच्छी पढ़ाई के नाम पर विभिन्न पैटर्न की किताबों को स्कूलों में पढ़ाया जाता है तथा महँगे दामों पर उक्त किताबों को अभिभावकों द्वारा खरीदा जाता है। इसलिये एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर विद्यालय के पाठ्यक्रम निर्धारित किये जायें एवं मान्य पुस्तकों द्वारा ही शिक्षण कार्य कराया जाये। ज्ञापन में कहा गया कि किसी विशेष प्रकाशक या विशेष प्रतिष्ठान (बुक डिपो) से पुस्तकें खरीदने के लिये अभिभावकों को बाध्य न किया जाये। ऐसी व्यवस्था की जाये कि अभिभावक अपनी मर्जी से किसी भी दुकान से पुस्तकें एवं स्टेशनरी आदि क्रय कर सके। ज्ञापन में कहा गया कि विद्यालय शुल्क, शिक्षण शुल्क, विकास शुल्क, महंगाई भत्ता से प्राप्त धनराशि का 80 पतिशत विद्यालय में कार्यरत स्टाफ को मानदेय दिया जाता है। शेष बीस प्रतिशत धनराशि संस्था द्वारा पुस्तकालय, कम्प्यूटर, विद्युत, पेयजल, स्वच्छता, खेल एवं स्वास्थ्य पर खर्च की जाये।

ज्ञापन में कहा गया कि प्राईवेट स्कूलों द्वारा तीन माह में फीस जमा कराने की धारण बना दी गई है, जिससे अभिभावकों पर एक साथ फीस जमा करने का बोझ पड़ता है। लिहाजा ऐसी व्यवस्था की जाये जिससे अभिभावक प्रत्येक माह शुल्क जमा कर सकें और फीस जमा करने हेतु अभिभावकों को शोषित न किया जाये। कई विद्यालयों में गैरमान्यता प्राप्त कक्षायें संचालित की जा रही है, जिसकी जाँच कराई जाकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाये। ज्ञापन में कहा गया कि कई विद्यालयों में कक्षा-कक्षों की संख्या कक्षाओं के अनुसार पूर्ण नहीं है। कक्षायें 180 वर्ग फिट से कम नहीं होना चाहिये तथा प्रत्येक कक्षा में अधिकतम 40 बच्चों को बिठाने की व्यवस्था होना चाहिये, लेकिन कई प्राईवेट स्कूल संचालकों द्वारा भेड़-बकरियों की तरह प्रवेश कर लिये जाते है। ऐसी व्यवस्था को सुधारा जाये। ज्ञापन में कहा गया कि प्राईवेट स्कूल संचालकों द्वारा डायरी, फीस, स्कूल मैगजीन, ई-केयर, सरचार्ज के नाम पर मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है जिसे तत्काल रोका जाये। यदि बच्चा स्कूल में पढ़ रहा है तो उक्त सभी की जिम्मेदारी संस्था की है। आरोप लगाया गया कि कई विद्यालयों में ई-केयर के नाम पर प्रत्येक तीन माह में फीस वसूल की जाती है, इसकी स्थिति भी स्पष्ट की जाये। ज्ञापन में कहा गया कि प्राईवेट स्कूल संचालकों द्वारा पीसी, एलकेजी में 4200 से 4500 रुपया तिमाही, किसी में 15000 रुपया तो किसी में 20000 रुपया तो किसी विद्यालय में 35000 रुपया प्रतिवर्ष वसूला जा रहा है। इस प्रकार विभिन्न प्राईवेट स्कूलों में भिन्न-भिन्न प्रकार की फीस ली जा रही है। लिहाजा, प्रत्येक विद्यालय में एक समान फीस लिये जाने की व्यवस्था की जाये, जिससे अभिभावक अपने बच्चे का दाखिला किसी भी स्कूल में करा सकें। ज्ञापन में उक्त बिन्दुओं का निराकरण कराते हुये अभिभावकों को राहत प्रदान करने की माँग की गई। ज्ञापन पर नगर अध्यक्ष हरिबाबू शर्मा, मु. आसिफ, समद खाँ, अजय तोमर, डॉ. सुनील खजुरिया, प्रेम भैया नामदेव ने हस्ताक्षर किये।


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