भवराँत पर शिकार को लेकर जंगल में 'हाइ-अलर्ट'
ललितपुर ब्यूरो : भवराँत पर्व पर शिकार रोकने के लिए वन विभाग के अफसर रात भर जंगलों की खाक छानते रहे,
ललितपुर ब्यूरो : भवराँत पर्व पर शिकार रोकने के लिए वन विभाग के अफसर रात भर जंगलों की खाक छानते रहे, लेकिन कहीं भी शिकारी हत्थे नहीं चढ़ सके। पूर्व में प्रत्येक रेज में एक टीम बनायी गयी थी, लेकिन ऐन वक्त पर तीन-तीन टीमों का गठन कर छापामार कार्यवाही शुरू की गयी, जो तड़के 4 बजे तक चलती रही। अफसरों ने दावा किया कि जनपद में कहीं भी जानवरों का शिकार नहीं हो पाया।
बुन्देलखण्ड में भवराँत पर्व पर जंगली जानवरों के शिकार की कुप्रथा है। इस कुप्रथा को रोकने के लिए प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी (डीएफओ) वीके जैन के निर्देश पर टीमों का गठन किया गया था। पूर्व में जनपद में 10 टीमें गठित की गयी थी, जिनमें प्रत्येक रेज में एक-एक टीम बनायी गयी थी। ऐन वक्त पर टीमों की संख्या बढ़ा दी गयी और प्रत्येक रेज में 3-3 टीमें बनाकर छापामारी करने के निर्देश दिये गये थे। डीएफओ के नेतृत्व में देवेन्द्र सिंह यादव, शफीक खान व पुलिस बल के नेतृत्व में टीम गठित की गयी। इस टीम ने जाखलौन, देवगढ़, धौर्रा, सैपुरा, भड़यावारा, मुड़ारी, भारौन, बालाबेहट, कनपुरा, पाली, बम्हौरी, चौंतराघाट आदि क्षेत्रों में भ्रमण किया। बालाबेहट स्थित चेक पोस्ट पर डीएफओ के नेतृत्व में चेकिंग की गयी। साथ ही ग्रामीणों से शिकारियो के सम्बन्ध में जानकारी भी जुटायी गयी। इसी प्रकार उप प्रभागीय वनाधिकारी महरौनी वीके यादव के नेतृत्व में वन दरोगा गजराज सिंह, जगत सिंह ने महोली, बरैना, बाँसपुर, मुड़ारी, पाली, कनपुरा, आदि क्षेत्र के जंगल में गश्त की। डिप्टी रेजर श्रीराम निरजन के नेतृत्व में वन दरोगा कमलापति त्रिपाठी, भूपेन्द्र सिंह ने ग्राम डोंगराखुर्द, महोली, पठराई, दाँवर, कलसाझिर, बालाबेहट व सीमावर्ती इलाकों से सटे जंगल में गश्त की। इसी प्रकार क्षेत्रीय वनाधिकारी ललितपुर रेज जीपी शुक्ला ने वन दरोगा श्रीपत रजक, रमेश पाठक, साकूलाल के साथ राजघाट, रानीपुरा, चौंरसिल, बीघामहावत आदि क्षेत्र के जंगल में सघन गश्त की। दूसरी टीम डिप्टी रेजर प्रागीलाल के नेतृत्व में वन दरोगा अनूप श्रीवास्तव, रामकुमार श्रीवास्तव, हृदेश कुमार ने जाखलौन, बन्दरगुढ़ा, सैपुरा, कुचदौं, रमपुरा, गढ़ौली, चाँदपुर, जहाजपुर, बंट आदि क्षेत्र में गश्त की। तीसरी टीम में गजेन्द्र सिह, प्रीतम सिंह, उमराव कुशवाहा ने दूधई, पाली, कनपुरा, बम्हौरी, महोली आदि क्षेत्र में गश्त की। इसी प्रकार क्षेत्रीय वनाधिकारी मड़ावरा रेंज रायसाहब यादव के नेतृत्व में टीम ने धौरीसागर, गोठरा, पापड़ा, लखंजर, मदनपुर, सौंरई, गिरार, कुर्रट क्षेत्र में गश्त की। देर रात मड़ावरा चेक पोस्ट पर चेकिंग भी की गयी। इसके अलावा वन दरोगा उदयभान सिंह व वन दरोगा घनश्याम दास के नेतृत्व में गठित की गयी टीमों ने भी अलग-अलग क्षेत्रों में मध्य प्रदेश से सटे इलाकों में सघन गश्त की व शिकारियों के सम्भावित ठिकानों पर छापामारी की। शाम 7 बजे से शुरू किये गये यह अभियान तड़के 4 बजे तक चलता रहा। अफसरों ने दावा किया कि भवराँत पर शिकार नहीं हो सका।
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अफवाहों पर दौड़ती रही टीमें
दिन भर शिकार की अफवाह भी उड़ती रही। इस पर छापामार टीमें जंगलों में खूब दौड़ी, लेकिन जब मौके पर जाकर पड़ताल की गयी, तो मामला फर्जी निकला।
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वॉट्सएप पर माँगी गयी थी रिपोर्ट
डीएफओ वीके जैन ने संक्रान्ति और भवराँत पर हुई छापामार कार्यवाही की फोटो सभी क्षेत्रीय वनाधिकारियों से वॉट्सएप पर माँगी। साथ ही गश्त की विस्तृत जानकारी भी ली। समय-समय पर छापामार टीमों की मोबाइल से लोकेशन भी ली गयी।
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..जब हिरणों के झुण्ड ने किया स्वागत
डीएफओ की टीम जब देर रात पाली से बालाबेहट की ओर जा रही थी तभी ग्राम डारा के पास हिरणों के झुण्ड ने सड़क पार की। कुलाँचे भरते हिरणों को देखकर टीम के सदस्य भी उत्साहित नजर आये। वनकर्मियों ने इन हिरणों को जंगल में खदेड़ दिया था, ताकि किसी शिकारी की नजर न पड़े।
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बाँध और जलाशयों पर भी रखी गयी नजर
जंगली जानवरों के साथ-साथ जलाशयों में ठिकाना बनाये दुर्लभ व प्रवासी पक्षियों के शिकार रोकने के लिए भी टीमें बनायी गयी थी। दिन में इन टीमों ने जलाशयों के आसपास भी छापामारी की।
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सायंकाल फिर शुरू हुआ अभियान
रविवार देर शाम से एक बार फिर छापामार कार्यवाही का अभियान शुरू किया गया था। इस दौरान टीमों ने अलग-अलग क्षेत्रों में छापामारी की, साथ ही ग्रामीणों का सहयोग लेकर जंगल का भ्रमण भी किया। इस मौके पर वनकर्मियों ने शिकार रोकने के लिए ग्रामीणों से सहयोग की अपील भी की।