महाविद्यालय में पकड़ा विशालकाय अजगर
ललितपुर ब्यूरो : दीपचन्द्र चौधरी महाविद्यालय की क्लास के रोशनदान में छिपे बैठे विशालकाय हिल पाइथन प्
ललितपुर ब्यूरो : दीपचन्द्र चौधरी महाविद्यालय की क्लास के रोशनदान में छिपे बैठे विशालकाय हिल पाइथन प्रजाति के अजगर से दहशत फैल गयी। सूचना पर पहुँचे वनकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद अजगर को काबू में किया। वन विभाग परिसर में अचानक वह भागने लगा, जिसे मौजूद वनकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद एक बार फिर पकड़ा और सुरक्षित बोरे में बन्द कर गोविन्द सागर बाँध क्षेत्र में छोड़ दिया।
सोमवार की सुबह करीब 11 बजे महाविद्यालय के छात्र-छात्रायें क्लास रूम में जा रहे थे, तभी उन्हे रोशनदान में छिपा बैठा विशालकाय अजगर नजर आया। इससे हड़कम्प मच गया और छात्रों में दहशत फैल गयी। इस खबर से मौके पर छात्रों की भारी भीड़ एकत्रित हो गयी। तत्काल इसकी सूचना क्षेत्रीय वनाधिकारी ललितपुर रेज जीपी शुक्ला को दी गयी। उनके निर्देश पर वन दरोगा कमलापति त्रिपाठी अपने साथी वनकर्मी मुन्नालाल को लेकर तत्काल महाविद्यालय पहुँच गये। अजगर लगभग 11 फीट की ऊँचाई पर स्थित रोशनदान में था। ऐसे में उसे सुरक्षित पकड़ना वनकर्मियों के समक्ष बड़ी चुनौती थी। ऐसे में तकनीक का सहारा लिया गया। एक लम्बे बाँस को रोशनदान के सहारे टिकाया गया। जिससे अजगर उस बाँस की मदद से नीचे आया। नीचे आते ही वह सरपट भागने लगा। इससे महाविद्यालय परिसर में भगदड़ मच गयी। कड़ी मशक्कत के बाद वनकर्मियों ने अजगर को काबू में किया और बोरा में बन्द कर दिया। चूँकि महाविद्यालय के पीछे जंगल व खेत लगे हुए है, ऐसे में अनुमान लगाया गया कि इसी जंगल से निकलकर यह अजगर महाविद्यालय में आ गया होगा। उक्त विशालकाय अजगर को वन विभाग कार्यालय लाया गया। यहाँ प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी (डीएफओ) वीके जैन, क्षेत्रीय वनाधिकारी ललितपुर रेज के सामने उसे बोरे से बाहर निकाला गया। बस फिर क्या था? काफी देर से बोरे में बन्द रहने के कारण अजगर गुस्से में आ गया और तेजी से भागने लगा। वन दरोगा कमलापति त्रिपाठी व अन्य वनकर्मियों ने उसे काबू में करने का प्रयास किया, तो वह मुँह फाड़कर तेजी से उनकी ओर झपटा, जिससे हड़कम्प मच गया। कड़ी मशक्कत के बाद अजगर को सुरक्षित पकड़कर बोरे में बन्द किया जा सका। तब कहीं सभी ने राहत की साँस ली। पकड़े गये अजगर की लम्बाई 6 फीट से अधिक थी। वह हिल पाइथन प्रजाति का मादा था। बाद में उसे गोविन्द सागर बाँध क्षेत्र में सुरक्षित छोड़ दिया गया।
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सर्दी में अक्सर निकलते है अजगर
-सर्दी का मौसम जोर पकड़ने के साथ ही अजगर धूप सेंकने के लिए अपने बिलों से बाहर निकल आते है। चट्टानों व खुले स्थानों पर घण्टों धूप सेंकते है। यही वजह है कि अक्सर वे रास्ता भटककर मानव आबादी के करीब भी आ जाते है।