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शहर में बिजली चोरी हुई, तो जिम्मेदार होंगे मीटर रीडर

ललितपुर : अब मीटर रीडर उपभोक्ताओं का शोषण नहीं कर सकेंगे। समय-समय पर क्षेत्रीय जेई अथवा विभागीय कर्म

By Edited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 12:49 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 12:49 AM (IST)
शहर में बिजली चोरी हुई, तो जिम्मेदार होंगे मीटर रीडर

ललितपुर : अब मीटर रीडर उपभोक्ताओं का शोषण नहीं कर सकेंगे। समय-समय पर क्षेत्रीय जेई अथवा विभागीय कर्मचारियों को भेजकर रीडिग लेने का कार्य कराया जाएगा। जेई के साथ एसडीओ को भी आदेश जारी करने की बात कहकर पॉवर कॉरपोरेशन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए है। वह समय-समय पर उपभोक्ताओं के आवास और प्रतिष्ठानों पर लगे मीटर को चेक करें। चेकिंग के दौरान मीटर की रीडिग लेने के साथ ही पिछले बिलों को भी चेक किया जाएगा। इसके साथ ही यदि कहीं बिजली चोरी अथवा रीडिग स्टोर का मामला पकड़ा जाता है, तो सीधे तौर पर मीटर रीडर जिम्मेदार होंगे और उन्हे तुरन्त हटाया जाएगा।

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मीटर की सही जानकारी विद्युत कार्यालय तक मिले, इसके पश्चात इस पर धनराशि नीयत की जाए। इस महत्वपूर्ण कार्य को सम्पन्न बनाने के लिए टेण्डर प्रक्रिया अपनायी गयी है, जिन ठेकेदारों को जिम्मेदारी मिली हुई है वह मीटर चेकिंग के नाम पर उपभोक्ताओं पर जुल्म ढा रहे है। हालाँकि ठेका देने से पहले ही विभाग ने करार करवा लिया था कि ड्रेस व नाम पट्टिका के साथ कर्मी विद्युत कर्मी रीडिंग लेने के लिए पहुंचेंगे, लेकिन देखने में आ रहा है कि कभी कोई मीटर रीडिग के लिए आ धमकता तो कभी कोई अन्य दूसरा। इस पूरे मामले से जाहिर होता है कि ठेकेदार द्वारा भी इन लोगों के लिए मनमानी करने की छूट मिली हुई है। यही वजह है कि रीडिग के लिए पहुंचने वाले लोग उपभोक्ताओं से सीधे तौर पर उत्कोच माँगते है। रोजाना मिल रही इस तरह की शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए विद्युत पावर कॉरपोरेशन ने दिशा-निर्देश जारी किए है। अब घरों की रीडिग जाँचने हेतु सम्बन्धित अवर अभियन्ता व उप खण्ड अधिकारी को निर्देश दिए गए है। वह समय-समय पर मीटरों की जाँच कर रीडिग की जानकारी लेंगे। यदि कहीं शिकायत है तो वहाँ गहनता से जाँच करेगे। मामला पकड़े जाने पर सम्बन्धित मीटर रीडर के खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी।

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उपभोक्ता के साथ विभाग को होगा लाभ

बिजली अधिकारियों द्वारा मीटर रीडिग लेने की व्यवस्था से विभाग के साथ उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा। मीटर खराब होने पर मीटर रीडर कम बिल बनाकर उपभोक्ता से सुविधा शुल्क लेता है। इसके साथ ही वह भी कर्मचारी उपभोक्ता का शोषण करते है, जो मीटर लगाने के लिए जाते है। क्योंकि यह कर्मचारी विभाग के नहीं होते, इसलिए सख्त कार्यवाही नहीं की जा सकती। जब जेई और एसडीओ मीटर चेक करने जाएंगे तो यह जानकारी भी रहेगी कि किस उपभोक्ता का मीटर खराब है और किसका सही। खराब मीटर जाँच के लिए भेजा जाता है तो इसकी जानकारी हो जाती है कि मीटर उपभोक्ता ने खराब कराया है या स्वयं खराब हुआ है। मीटर खराब कराया गया होता है तो इसका हर्जाना भी उपभोक्ता से लिया जाता है।


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