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इन्दौर में बन्धक पुत्री को मुक्त कराने की गुहार

ललितपुर ब्यूरो : जनपद के ग्रामीणों की अशिक्षा व भोलेपन का बाहरी लोग खूब फायदा उठा रहे है। एक माह पूर

By Edited By: Published: Fri, 24 Jun 2016 01:09 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2016 01:09 AM (IST)
इन्दौर में बन्धक पुत्री को मुक्त कराने की गुहार

ललितपुर ब्यूरो : जनपद के ग्रामीणों की अशिक्षा व भोलेपन का बाहरी लोग खूब फायदा उठा रहे है। एक माह पूर्व इन्दौर में अच्छी तनख्वाह व रहन-सहन का झाँसा देकर एक ठेकेदार जाखलौन के ग्रामीणों को साथ लिवा ले गया और एक किशोरी को बन्धक बना लिया। अब नाबालिग पुत्री को ठेकेदार के कब्जे से मुक्त कराने के लिए आदिवासी महिला दर-दर भटक रही है। लेकिन न तो शासन-प्रशासन से उसकी मदद कर रहे हैं और न ही विभिन्न राजनैतिक दल व स्वयंसेवी संगठन।

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सूखा की मार के चलते जनपद के सैकड़ों किसान, युवा व बेरोजगार दो वक्त की रोटी की खातिर बड़े शहरों की ओर पलायन कर गये है। ये चंद सिक्कों की खातिर खतरनाक काम करने से भी पीछे नहीं हट रहे है। इसी का फायदा मजदूरों के ठेकेदार खूब उठा रहे है। कस्बा जाखलौन निवासी आदिवासी महिला गुलेंदा बाई पत्‍‌नी कूरे सहरिया ने पुलिस अधीक्षक को दिये प्रार्थनापत्र में बताया कि विगत 6 माह पूर्व इन्दौर के विजयनगर निवासी ठेकेदार 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी व रहन सहन की अच्छी व्यवस्था का झाँसा देकर उसके पति व गाँव के 21 अन्य लोगों को साथ काम करने के लिए लिवा ले गया। उसके साथ पुत्री व परिवार के अन्य लोग भी करने के लिए चले गये। 6 माह तक ठेकेदार ने उसके पति व अन्य ग्रामीणों से हाड़-तोड़ मेहनत का काम कराया, साथ ही खाने पीने का सामान देता रहा। इसी बीच ठेकेदार ने उन्हे बन्धक बना लिया। मजदूरों के साथ-साथ उसकी 13 वर्षीय पुत्री भी बन्धक बना ली गयी। मजदूरों के विरोध करने पर ठेकेदार ने गुर्गो की मदद से उन्हे धमकाया। एक माह बीत जाने के बावजूद इस ओर न तो शासन प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने ही कोई कार्यवाही की। यही वजह है कि एक माह से यह आदिवासी महिला हर अफसर की चौखट पर जाकर दर्द बयाँ कर रही है।


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