दान कर पुण्य कमाया, खिचड़ी का सहभोज
ललितपुर ब्यूरो : मकर संक्रान्ति का पर्व शुक्रवार को उत्साह के साथ मनाया गया। लोगों ने दान दक्षिणा
ललितपुर ब्यूरो :
मकर संक्रान्ति का पर्व शुक्रवार को उत्साह के साथ मनाया गया। लोगों ने दान दक्षिणा के लिए बाजार से तिल से बने सामान की खरीदारी की। लोगों ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा दी। जगह-जगह खिचड़ी भोग कार्यक्रम भी आयोजित हुए। मकर संक्रान्ति पर हजारों श्रद्धालुओं ने धार्मिक आस्था केन्द्र सीतापाठ, रणछोर मंदिर, राजघाट, बालावेहट एवं सीमावर्ती मध्यप्रदेश के कुण्डेश्वर मंदिर पहुँचकर भगवान के दर्शन किये और पुण्य लाभ प्राप्त कर मकर संक्रान्ति का महापर्व मनाया।
हिंदू धर्म में मकर संक्त्रान्ति पर्व का महत्व प्राचीनकाल से ही है। शिव और शक्ति की आराधना के केंद्र रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले जिले में मकर संक्त्राति पर्व श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया। मकर संक्त्राति पर स्नान की परंपरा का निर्वहन करने के लिए अनेक श्रद्धालुओं ने जनपद में स्थित बाँध एवं घाटों पर पहुचकर स्नान किया, तो कुछ श्रद्धालुओं ने जिले से होकर गुजरने वाली नहरों में स्नान कर दान पुण्य किया। पर्व को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया। घरों पर पिछले कई दिनों से पर्व की तैयारियाँ शुरू हो गई थीं। बाजार में गजक, रेबड़ी, तिल के लड्डू, मूंगफली, चावल, दाल आदि की खरीददारी की। दान के सामान को मंशने के बाद महिलाओं ने अपनी सास और अन्य मान पक्ष को भेंट किया। इसके बाद घरों पर पहुचने वाले निर्धनों, साधू, सन्यासियों को दान दक्षिणा दी गई। देर शाम तक लोग दान दक्षिणा के कार्य में लगे रहे। गोविन्द सागर बाँध की तलहटी पर स्थित हजारिया महादेव के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। मंदिर पर स्थित माता सीता मंदिर, बालाजी सरकार समेत हजारिया महादेव का अभिनव श्रृंगार किया गया। लोगों ने गोविंदसागर बाध व सीतापाठ जलाशय में स्नान कर सूर्य नमस्कार किया। तो वहीं लोगों ने मंदिर पर प्रसाद और खिचड़ी का भोग लगाया। इस मौके पर सुन्दरकाण्ड का आयोजन एवं पूजा अर्चन भी हुआ। नगर व आसपास के क्षेत्रों से आये दुकानदारों ने दैनिक आवश्यकतानुसार जरूरतमंद सामग्री की दुकानें लगाई जहा ग्रामीणों ने अपनी पसंद के मुताबिक सामग्री खरीदी। मेला स्थल पर ही मकर संक्रान्ति के अवसर पर तिल एवं गुड़ के लडडू तथा पकवान लोगों ने इष्ट मित्रों के साथ दर्शन के उपरान्त ग्रहण किए।
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साइड स्टोरी-
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खरमास बीता, लौटा वेडिग सीजन
ललितपुर : दिसम्बर से लगे 'खरमास' के चलते वैवाहिक और शुभ कार्याें पर लगी रोक खत्म हो गई है। शुक्रवार को शुभ मुहूर्त के दिन बहाल हो गए है। जिसके बाद अब शहनाइयाँ गूंजेंगी और अन्य शुभ कार्य भी होंगे। वेलेंटाइन-डे 14 फरवरी को भी शादियों की धूम रहेगी। ज्योतिषाचार्याें के मुताबिक नए साल में विवाह के कई शुभ मुहूर्त है। वसन्त पंचमी और अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त रहेगा। इस दिन किए गए विवाह अति शुभ व जीवन में सफल साबित होंगे। 14 फरवरी को वेलेंटाइन-डे पर भी शादियाँ शुभ साबित होंगी। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 15 मार्च से 16 अप्रैल तक खरमास फिर लग जाएगा और इसी के साथ शादियाँ थम जाएंगी। एक माह की अवधि में विवाह व शुभ कार्य नहीं होंगे। बताया कि इस साल मई और जून में शादियों का शुभ मुहूर्त नहीं है, क्योंकि शुक्र अस्त हो रहा है। 26 अप्रैल से तीन जुलाई तक विवाह कार्य शुभ नहीं होंगे, लेकिन बीच में 9 मई को अक्षय तृतीया पर शादी के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त रहेगा। उनके मुताबिक जिन जोड़ों के लिए सहालग में शुभ लग्न नहीं बनते, उनकी शादी मकर संक्रान्ति, वसन्त पंचमी और फुलेरा दूज के दिन हो सकती है। वहीं दूसरी ओर सहालग में पण्डितों के पास एक दिन में तीन से चार शादियाँ कराने का दबाव है। ऐसे में उन्होंने अपने शिष्यों को भी विवाह कराने की जिम्मेदारिया सौंपी है। पण्डितों के अनुसार लोकल में एक दिन में दो शादियाँ कराई जा सकती है, लेकिन बाहर नहीं। फेरों का समय कुछ आगे पीछे करके कई ब्राह्मण ने दो-दो शादियाँ कराने की जिम्मेदारी भी ले रखी है।
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यह है विवाह के शुभ मुहूर्त -
जनवरी - 15, 19, 21 व 29 जनवरी
फरवरी - 4, 5, 14, 16 और 17 फरवरी
मार्च - 2, 5 और 10 मार्च
अप्रैल - 18, 19, 20 व 22 अप्रैल
जुलाई - 7, 9, 10, 11 और 13 जुलाई
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फोटो सहित बॉक्स में -
फोटो - 13
ललितपुर : महायज्ञ में आहुतियाँ देते श्रद्धालुगण।
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गायत्री शक्तिपीठ पर हुआ नौ कुण्डीय महायज्ञ
ललितपुर : जिला गायत्री परिवार के तत्वावधान में शक्तिपीठ पर भव्य नौ कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन रामलखन दास महाराज के सानिध्य में किया गया। महायज्ञ में क्षेत्रीय ग्रामीणों सहित गायत्री परिजनों ने जनकल्याण, समाजकल्याण एवं राष्ट्रकल्याण हेतु आहूतियाँ प्रदान की। इस मौके पर राजाराम यादव, लक्ष्मीचन्द्र अग्रवाल, रामराजा बुन्देला, पन्नालाल झा, सीताराम झा, रवि अभिनन्दन कुमार, सावन कुमार, शाश्वत श्रीवास्तव, राहुल झा आदि उपस्थित रहे।
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गुड़ व खिचड़ी का किया वितरण
ललितपुर : भारत विकास परिषद द्वारा मेला परिसर में श्रद्धालुओं को गुढ़ व खिचड़ी का वितरण किया गया। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने बड़े ही चाव से प्रसाद ग्रहण किया। वक्ताओं ने कहा कि हमारी संस्कृति के पर्व यदाकदा ऐसे नहीं होते बल्कि देशकाल परिस्थिति के अनुरूप वैज्ञानिक तथ्यों के साथ कारण सहित होते है। आज सूर्य नारायण देव अपनी गति दक्षिणायन से उत्तरायन की ओर कर लेते है। जिससे मौसम में परिवर्तन आ जाता है और फसलें पकना शुरू हो जाती है। कार्यक्रम में संजीव कड़ंकी, पवन जैन, सुबोध गोस्वामी, मुरारी सोनी, मनोज सर्राफ, पंकज जैन, राजीव, पवन नामदेव, दीपक सिंघई, संजीव सक्सेना, विपिन जैन, विवेक मड़वैया, डॉ.प्रबल सक्सेना, अभिनन्दन जैन, संजय गुप्ता आदि मौजूद रहे।