बिडम्बना : नगरपालिका में गंदगी का अम्बार
ललितपुर ब्यूरो : शहर को साफ-सुथरा रखने की जिम्मेदारी जिस विभाग की है वह खुद ही गंदा हो तो इसे विड
ललितपुर ब्यूरो :
शहर को साफ-सुथरा रखने की जिम्मेदारी जिस विभाग की है वह खुद ही गंदा हो तो इसे विडम्बना ही कहा जा सकता है। नगरपालिका द्वारा भले ही शहर में सफाई करने का दावा किया जाता हो लेकिन कार्यालय को साफ-सुथरा रखने की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा। यही वजह है कि पालिका के शौचालय गंदे पड़े है तो वहीं तलघर में भी जानवरों द्वारा गंदगी फैलाई जा रही है।
शहरवासियों को पर्याप्त साफ-सफाई और गंदगी से निजात दिलाने के नाम पर नगरपालिका द्वारा हर वर्ष काफी धनराशि खर्च की जाती है। पालिका द्वारा स्थाई सफाई कर्मियों की तैनाती की गई है तो वहीं आउट सोर्सिग के जरिये भी सफाई कर्मी तैनात है। इसके अलावा वार्डो में स्वास्थ्य नायक तैनात है तो साफ-सफाई पर नजर रखने के लिये सफाई निरीक्षक भी है। भारी-भरकम स्टॉफ होने के बाद भी शहर की नालियाँ गंदगी से बजबजा रही है। एक ओर जहाँ शहर में चारों तरफ गंदगी का आलम है तो वहीं पालिका का कार्यालय भी गंदगी से अछूता नहीं है। पालिका कार्यालय में गंदगी की शुरूआत तलघर से शुरू करते है। निर्माण होने के बाद से ही तलघर अनुपयोगी साबित हो रहा है। यहाँ आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। पशु रात-दिन तलघर में देखे जा सकते हैं और गंदगी फैलाते है। स्थिति यह है कि तलघर में चारों तरफ गंदगी ही गंदगी नजर आ रही है। ऐसे ही हालात शौचालयों के भी है। शौचालय और मूत्रालय में भी प्रवेश करते ही बदबू और गंदगी से सामना होता है। शौचालयों को देखकर कहा जा सकता है कि कई महीनों से सफाई नहीं की गई। वहीं मूत्रालय में जबदस्त बदबू के कारण प्रवेश करना मुश्किल होता है। कार्यालय दी दीवालों पर तम्बाकू और गुटखों की पींकें नजर आ रही है। सवाल उठता है कि आखिर शहर को साफ-सुथरा रखने का दावा करने वाली नगरपालिका आखिर कार्यालय के प्रति उदासीन क्यों है। कार्यालय में पसरी गंदगी को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि साफ-सफाई के प्रति नगरपालिका प्रशासन कितना सक्रिय है।