सूखे की गवाही दे रहे जिले के खाली बाँध
ललितपुर ब्यूरो: जिले के खाली बाँध सूखे की गवाही दे रहे है। कम बारिश का असर जिले के बाँधों पर साफ द
ललितपुर ब्यूरो:
जिले के खाली बाँध सूखे की गवाही दे रहे है। कम बारिश का असर जिले के बाँधों पर साफ दिखाई दे रहा है। शहजाद बाँध को छोड़कर अन्य चार बाँध आधे से कम भरे है। जबकि पिछले वर्ष हुई अत्याधिक बारिश के कारण हजारों क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ गया था। हालत यह है कि गोविन्द सागर बाँध में 37 फीसद पानी है, जबकि सजनम बाँध में इससे भी कम 32 फीसदी पानी है। वहीं शहजाद बाँध में सबसे ज्यादा 60 फीसद पानी है। रोहणी व जामनी बाँध में क्रमश: 49 व 46 फीसदी पानी ही भर पाया है। विगत दिवस जामनी में 30, सजनम में 14 व रोहिणी में 18 मिलीमीटर बारिश हुई। कम बारिश का असर मौसम पर भी देखने को मिल रहा है। खराब मौसम और पड़ रही गर्मी लोगों को बेहाल किए हुए है।
बारिश का यदि यही हाल रहा, तो किसानों के लिए समस्या पैदा होने वाली है। मुख्यरूप से सिंचाई का दारोमदार जिले के गोविन्द सागर, शहजाद, जामनी, सजनम व रोहिणी बाँध पर ही निर्भर है। इन बाँधों पर कम बारिश का असर दिखाई दे रहा है। अब तक की बारिश पर नजर डाली जाए, तो गोविन्द सागर बाँध में अब तक 305 मिलीमीटर, शहजाद बाँध में 210, जामनी बाँध में 475, सजनम बाँध में 312 व रोहिणी बाँध में 332 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। इस प्रकार बाँधों में मौजूद जलस्तर देखा जाए तो गोविन्द सागर का जलस्तर 360.06 मीटर है, जबकि 3.87 मीटर खाली है। शहजाद बाँध का जलस्तर 318.90 मीटर है, जबकि 2.90 मीटर खाली है। जामनी बाँध का जलस्तर 400.81 मीटर है, जबकि 2.74 मीटर खाली है। सजनम बाँध का जलस्तर 369.48 मीटर है, जबकि 3.72 मीटर खाली है। इसी प्रकार रोहिणी बाँध का जलस्तर 394.35 मीटर है, जबकि 2.04 मीटर खाली है।
पिछले 18 दिन में बाँधों पर हुई बारिश पर नजर डाली जाए, तो 10 से 28 अगस्त तक 18 दिन में सबसे कम बारिश शहजाद बाँध में मात्र 20 मिलीमीटर ही दर्ज की गई है, जबकि जामनी बाँध में सबसे अधिक 125 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं गोविन्द सागर बाँध में 95 मिलीमीटर, सजनम बाँध में 72 मिलीमीटर तथा रोहिणी बाँध में 83 मिलीमीटर बारिश पिछले 18 दिनों में दर्ज की गई।
::
बॉक्स
::
दो वर्ष पूर्व खुले थे साइफन, बनी थी बाढ़ की स्थिति
ललितपुर: इस वर्ष जहाँ कम बारिश से सूखा की स्थिति है, वहीं दो वर्ष पूर्व जनपद में हुई अत्याधिक बारिश के कारण लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। पूरा जनपद बाढ़ग्रस्त घोषित हो गया था। गोविन्द सागर बाँध के तो साइफन तक खोलने पड़ गए थे। बाड़ का मंजर इतना भीषण था कि सैकड़ों घर धराशायी हो गए थे। प्रशासन द्वारा राहत राशि बाँटी गई थी। जनता को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था।
::
बॉक्स
::
पानी का सम्भाल कर उपयोग करने की जरूरत
ललितपुर: कम बारिश के कारण पानी की किल्लत जनपदवासियों को भी झेलना पड़ सकती है। ऐसे में लोगों को चाहिए कि पानी की बर्बादी कम की जाए। गौरतलब है कि लोगों द्वारा लापरवाही और बेतरतीबी से पानी का बेहद दुरुपयोग किया जाता है। नलों में टोंटी तक नहीं लगाई जाती, जिससे सैकड़ों लीटर पीने का पानी ऐसे ही नालियों में बेकार चला जाता है। वहीं लोगों द्वारा अपने वाहन की धुलाई करके बड़े पैमाने पर पानी बहाया जाता है। ऐसे में लोगों को जागरुक होकर जरूरत के अनुसार ही पानी बहाने की आदत डालना चाहिए।
::
बॉक्स
::
सावन में पड़ रही चुभने वाली गर्मी
ललितपुर: बारिश कम होने का असर मौसम पर भी देखने को मिल रहा है। हालत यह है कि शहर में सावन के महीने में चुभने वाली गर्मी पड़ रही है। दोपहर में सड़क पर सन्नाटा जैसा पसर जाता है। लोग अति आवश्यक काम पड़ने पर ही मजबूरन घर से निकल रहे है। मौसम विभाग के अनुसार इन दिनों तापमान 32 से 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया जा रहा है। खराब मौसम के कारण लोगों को जी-मिचलाने, सिर में भारीपन होने जैसी परेशानियाँ सामने आ रही है।