ठेकेदारों ने आरईएस दफ्तर में काटा हगामा
ललितपुर ब्यूरो : ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में शुक्रवार को विभागीय ठेकेदारों ने जमकर हगामा काटा। उन
ललितपुर ब्यूरो :
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में शुक्रवार को विभागीय ठेकेदारों ने जमकर हगामा काटा। उन्होंने विभागीय अफसरों पर तकनीकी बिड में अनियमितता बरतने व मिलीभगत के गम्भीर आरोप लगाये है। आरोप है कि चहेते ठेकेदारों को लाभान्वित करने के लिये नियमों की जमकर अनदेखी कर दी। एक ही ठेकेदार के 9 टेण्डर पास कराने पर भी ठेकेदारों ने आपत्ति जताई। उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर निविदायें निरस्त करने की माँग की।
गौरतलब है कि ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विभागीय ठेकेदारों के माध्यम से विकास कार्य करवाये जाते है। लाखों रुपये की कीमत के कराये जा रहे निर्माण कार्य के लिये नियमानुसार निविदायें आमंत्रित की जाती है। उसके बाद तकनीकी और फिर फायनेंसियल बिड खोली जाती है। विभाग द्वारा लोहिया समग्र ग्रामों में सीसी रोड और केसी ड्रेन के 23 निर्माण कार्यो के लिये ठेकेदारों से निविदायें 18 अगस्त तक माँगी गई थीं। निर्धारित अवधि तक 123 निविदा प्रपत्रों की बिक्री हुई। अगले दिन यानि 19 अगस्त को 23 कार्यो के लिये को निविदा प्रपत्र खोले गये, जिसमें से 29 टेण्डर पास किये गये। शुक्रवार 28 अगस्त को फायनेंसियल बिड खुलना थी, लिहाजा निर्धारित समय के पहले ही ठेकेदार विकास भवन स्थित ग्रामीण अभियंत्रण कार्यालय पहुचे और विभागीय अधिकारियों पर अनियमितताओं और मिलीभगत के चलते चहेते ठेकेदारों की निविदायें पास कराने के गम्भीर आरोप लगाये। ठेकेदारों का आरोप है कि एक ही ठेकेदार की 9 कार्यो की निविदायें स्वीकृत कर ली गई, जबकि यदि दस्तावेजों की जाँच की जाये तो तमाम कमियाँ उजागर हो सकती है। आरोप है कि निविदाओं की जाँच पूर्व की तरह ठेकेदारों के समक्ष जाँच न की जाकर अकेले में जाँच की गई और चेहेतों को लाभान्वित किया गया। विभागीय अधिकारियों ने तमाम सफाई दी लेकिन कोई बात नहीं बनी। लिहाजा आक्रोशित ठेकेदारों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर निविदायें निरस्त करने की माँग की। इस दौरान राजकुमार यादव, गोविन्द यादव, कीरत सिंह, संतोष कुमार, जय सिंह, असलम पठान, आनन्द कुमार, अब्दुल साहिद मंसूरी, वीर सिंह के अलावा अन्य ठेकेदार उपस्थित रहे।
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आरोप निराधार : एक्सईएन
ललितपुर : ठेकेदारों ने विभागीय अफसरों पर निविदायें स्वीकृत करने में मनमानी का आरोप लगाया है तो वहीं विभागीय अफसरों ने आरोपों को सिरे से नकार दिया है। अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग मो. रिजवार साबिर खाँ का कहना है कि ठेकेदारों के आरोप निराधार है। निविदायें नियमानुसार खोली गई और नियमों के मुताबिक ही स्वीकृत की गई। जिन निविदाओं में कमियाँ थीं या जिनके रेट कम थे उन्हे अस्वीकृत किया गया है।
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केहर सिंह को स्वीकृत हुई सबसे ज्यादा निविदायें
ललितपुर : विभाग द्वारा स्वीकृत की गई निविदाओं में ठेकेदार केहर सिंह के नाम सबसे अधिक 9 निविदायें है। इनमें निविदायें 5, 6, 8, 10, 12,14, 16, 17 और 23 शामिल है। इसके अलावा ठेकेदार प्रमोद कुमार जैन को निविदा 1, 15, 22, बादाम सिंह को 2, 3, 4, आनन्द कुमार जैन को 7, नीतेश जैन को 9 व 12, प्रदीप कुमार जैन को 11 व 13, मे. शाँति कंस्ट्रक्शन को 16 व 17, मे. श्री हनुमानजी बिल्डर्स को 16, 17, 18, मे. स्वामी ब्रदर्स को 18 तथा भूपतराम को 18, 21 व 22 नम्बर की निविदायें स्वीकृत की गई।