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सरकारी भूमि से 'अवैध कब्जा हटाओ अभियान' कल से

कब्जा न हटाने पर होगी एफआईआर, संलिप्त लेखपाल-अधिकारी भी नपेंगे तालबेहट (ललितपुर) : सरकारी भूमि पर

By Edited By: Published: Thu, 22 Jan 2015 01:39 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jan 2015 01:39 AM (IST)
सरकारी भूमि से 'अवैध कब्जा हटाओ अभियान' कल से

कब्जा न हटाने पर होगी एफआईआर, संलिप्त लेखपाल-अधिकारी भी नपेंगे

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तालबेहट (ललितपुर) : सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा जमाने वालों के लिए बुरी खबर है। ऐसी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा जमाने वालों के खिलाफ जिलाधिकारी के निर्देशन में कल शुक्रवार से विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत भूमि से अवैध कब्जा हटाने के साथ-साथ उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। कब्जा न हटाने की स्थिति में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। यही नहीं जाँच में लेखपाल व अधिकारी यदि संलिप्त पाये गये तो उनके भी नहीं बख्शा जाएगा। उनके खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की जाएगी। साथ ही पेनल्टी भी दी जाएगी। डीएम के इस निर्देश पर सभी भू-माफियाओं में हड़कम्प मचा हुआ है।

गौरतलब है कि नगर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय भू-माफियाओं की करतूत थमने का नाम नहीं ले रही है। वह गरीब व भोले-भाले ग्रामीणों की जमीनों के अलावा सरकारी भूमि पर भी अवैध रूप से कब्जा जमाए हुए है। यह भू-माफिया अपने रसूख के दम पर बेशकीमती जमीनों को फर्जीबाड़ा कर अपना बनाए हुए है। जिससे शासन को करोड़ों रुपए राजस्व के क्षति पहुच रही है। यही नहीं पट्टों की जमीनों पर भी इन भू-माफियाओं की नजर कम नहीं है। इन जमीनों पर भी पात्रों को दरकिनार कर वह फर्जी तरीके से अपना आधिपत्थ जमाए हुए है। तहसील दिवस, थाना दिवस, समाधान दिवस व जन-चौपालों में सर्वाधिक भूमि विवाद सम्बन्धी मामले प्रकाश में आते है। यही नहीं सरकारी भूमि पर भी अवैध रूप से कब्जे के मामले भी कम नहीं है। इसके पीछे कहीं न कहीं लेखपाल व सम्बन्धित अधिकारियों की संलिप्तता भी उजागर होती है। इन्हीं शिकायतों को जिलाधिकारी जुहेर बिन सगीर ने गम्भीरता से लिया है। जिसके मद्देनजर उन्होंने 23 जनवरी शुक्रवार से 'सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाओ अभियान' चलाने का निर्णय लिया है। इस सम्बन्ध में उन्होंने अधीनस्थों को सख्त निर्देश दिए है कि अभियान के तहत वह गाँव-गाँव जाकर निरीक्षण करेगे, तथा सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा हटायेंगे। यही नहीं यदि कोई यह कब्जा हटाने में आनाकानी करता है तो उसके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। यहाँ तक कि अवैध कब्जे मामले में लेखपाल व अधिकारी की संलिप्तता उजागर होती है तो उसे भी बख्शा नहीं जाएगा, उसके खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की जाकर दण्डित किया जाएगा। जिलाधिकारी के इस नए कदम से जहाँ भू-माफियाओं में हड़कम्प है, वहीं कब्जे से पीड़ित लोगों में खुशी की लहर है।


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