वेतन के अभाव में फीका रहेगा नवीन शिक्षकों का नया साल
527 में से 26 समायोजित शिक्षकों का ही हो सका सत्यापन ललितपुर ब्यूरो : परिषदीय विद्यालयों में त
527 में से 26 समायोजित शिक्षकों का ही हो सका सत्यापन
ललितपुर ब्यूरो :
परिषदीय विद्यालयों में तैनात पाँच सैकड़ा नवीन शिक्षकों को नये साल में भी वेतन मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे है। शासन ने जनपद के 527 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित तो कर दिया लेकिन विभाग उनके प्रमाण-पत्रों का सत्यापन तक नहीं करा पाया। महज 26 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन हो पाया। नये साल में पाँच सैकड़ा शिक्षकों की जेब खाली ही रहना है।
जनपद में संचालित परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्रों को शासन ने तोहफा प्रदान करते हुये उन्हे सहायक अध्यापक पद पर समायोजित कर दिया। विगत अगस्त माह में जनपद के 527 शिक्षामित्रों को यह सौगात मिली। शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बनाये जाने के बाद नियमानुसार उनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों के साथ ही जाति, निवास व अन्य प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जाता है। इसके अलावा पुलिस वैरिफिकेशन भी करवाना अनिवार्य होता है। इतना सब होने के बाद जब सभी जगहों से सत्यापन का कार्य पूर्ण हो जाता है तभी शिक्षकों को पहली वेतन मिलने का रास्ता साफ होता है। प्रमाण पत्रों के सत्यापन का दायित्व बेसिक शिक्षा विभाग का होता है। विभाग द्वारा 4 माह बीत जाने के बाद भी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं करवाया जा सका। इसके चलते नवीन शिक्षकों में विभाग के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं होने से उन्हे वेतन का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है।
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक समायोजित शिक्षक राघवेन्द्र प्रताप सिंह, सतेन्द्र सिंह, अजय कुमार, हेमलता, राजेन्द्र कुमार यादव, राजकुमार, लालाराम रजक, देशराज कुर्मी, मुकेश यादव, सुरेश कुमार निरजन, कृष्णदत्त सिंह, रामपाल सिंह, भगवत सिंह, धन सिंह, बलराम, सुजान सिंह, सुखनंदन, राजेश कुमार, राजेन्द्र सिंह यादव, वृन्दावन, राजकुमार सैनी, सुरजीत सिंह, रामशरण व्यास, सुधीश कुमार, अरविंद सिंह, बृजभूषण दुबे के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कर लिया गया है। शेष शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन अटका होने के कारण निकट भविष्य में उन्हे वेतन मिलने के आसार कम ही दिखाई दे रहे है। वेतन नहीं मिलने से कई शिक्षकों के समक्ष परिवार के भरण पोषण तक की समस्या खड़ी हो गई है। अगस्त माह में सहायक अध्यापक बनने के बाद शिक्षकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा था, लेकिन विभागीय ढील के कारण उन्हे अब पहली तनख्वाह का इतजार है। सवाल उठता है कि आखिर प्रमाण पत्रों के सत्यापन में इतनी देरी क्यों की गई? यदि प्रमाण पत्रों के सत्यापन में जल्दबाजी की गई होती तो सभी समायोजित शिक्षकों को पहली वेतन के दर्शन हो जाते।
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शिक्षक नेता रहे अव्वल
ललितपुर : शिक्षकों के नाम की राजनीति करने वाले शिक्षक नेताओं के चेहरे वेतन लगवाने के मामले में उजागर हो गये है। विभाग ने 527 समायोजित शिक्षकों में से महज 27 के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया, जिनमें शिक्षक नेताओं के नाम शामिल है। इस बात की चर्चा जोरों पर है कि वेतन लगवाने के मामले में शिक्षक नेता अव्वल रहे।
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संगठनों ने भी साधी चुप्पी
ललितपुर : शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बनाये गये पाँच सैकड़ा से अधिक गुरुजनों को पहली वेतन का इतजार है। शिक्षकों को भले ही पहली वेतन के लिये महीनों से इतजार करना पड़ रहा है लेकिन उनके हितैषी बनने वाले शिक्षक संगठन इस गम्भीर मामले में चुप्पी साधे बैठे है। यदि वह पहल करते तो हो सकता उनकी बात सुन ली जाती।
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लिपिक को हटाने गरजे थे नेता
ललितपुर : शिक्षक और शिक्षामित्र संगठन ने समायोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन में हो रही लेटलतीफी का ठीकरा पटल प्रभारी के सिर पर फोड़ा था। संगठनों ने पटल बाबू के खिलाफ मोर्चा खोलते हुये उन्हे हटाने तक की माँग की थी, लेकिन आज वही शिक्षक नेता वेतन लगवाने की सूची में शामिल नजर आ रहे है।