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एबीआरसी चयन : बीएसए को सौंपी रिपोर्ट

दो सदस्यीय जाँच समिति की पड़ताल पूरी जबर सिंह गुट ने मण्डलायुक्त से की थी चयन में गड़बड़ी की शिकायत

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 01:11 AM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 01:11 AM (IST)
एबीआरसी चयन : बीएसए को सौंपी रिपोर्ट

दो सदस्यीय जाँच समिति की पड़ताल पूरी

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जबर सिंह गुट ने मण्डलायुक्त से की थी चयन में गड़बड़ी की शिकायत

ललितपुर ब्यूरो :

ब्लॉक संसाधन केन्द्र जखौरा पर तैनात एक सह-समन्वयक के चयन में गड़बड़ी की जाँच पूरी हो गई है। दो सदस्यीय जाँच समिति ने तमाम पहलुओं का बारीकी से अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंप दी है। प्रथमिक शिक्षक संघ (जबर सिंह गुट) ने चयन में गड़बड़ी की शिकायत मण्डलायुक्त से की थी।

प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता संवर्धन के लिये प्रत्येक ब्लॉक संसाधन केन्द्र पर हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषय के सह-समन्वयक तैनात किये गये है। सह-समन्वयकों में से कुछ का कार्यकाल विवादित रहा है। प्राथमिक शिक्षक संघ (जबर सिंह गुट) ने ब्लॉक संसाधन केन्द्र जखौरा पर तैनात सामाजिक विषय के सह-समन्वयक के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलते हुये उनके चयन को लेकर सवाल खड़े किये थे। जब जनपद स्तरीय अधिकारियों से संगठन की शिकायतों को गम्भीरता से नहीं लिया तो संगठन के पदाधिकारियों ने जनपद में आये मण्डलायुक्त के.राममोहन राव से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में सह-समन्वयक के चयन में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुये जाँच कराने की माँग की थी। मण्डलायुक्त ने शिकायत को गम्भीरता से लेते हुये जिलाधिकारी को नियमानुसार जाँच कराने के आदेश दिये। जिलाधिकारी जुहेर बिन सगीर ने जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को निष्पक्ष जाँच हेतु निर्देशित किया। बीएसए ने खण्ड शिक्षाधिकारी जखौरा एनएल शर्मा तथा जिला समन्वयक कमलेश कुमार को जाँच सौंप दी।

एबीआरसी के चयन में गड़बड़ी की शिकायतों की जाँच के लिये नामित उक्त दोनों अधिकारियों ने शुरूआत में तो पड़ताल करने से हाथ खड़े कर दिये। एबीआरसी चयन समिति में डायट प्राचार्य होते है। चूंकि तत्कालीन डायट प्राचार्य वर्तमान में एडी बेसिक है। लिहाजा खण्ड शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयक को एडी बेसिक द्वारा चयनित किये गये एबीआरसी की जाँच की जिम्मेदारी सौंपी गई तो उनक भी हाथ-पैर फूल गये। इस बीच यह बातें भी सामने आई कि निष्पक्ष जाँच के लिये जिलाधिकारी समिति में बदलाव कर सकते है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। भले ही जिलाधिकारी ने जाँच समिति नहीं बदली लेकिन वह पूरे प्रकरण को बेहद गम्भीरता से ले रहे है। डीएम के रुख को देखते हुये नामित अधिकारियों ने अपनी पड़ताल शुरू कर दी और 25 नवम्बर को सम्पूर्ण जाँच रिपोर्ट जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंप दी। उक्त जाँच रिपोर्ट अब जिलाधिकारी को सौंपी जायेगी। अब देखना दिलचस्प है कि उक्त मामले में क्या निष्कर्ष निकलकर सामने आता है।

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जाँच को निष्क्रिय करने का प्रयास

ललितपुर : मण्डलायुक्त द्वारा एबीआरसी के चयन में गड़बड़ी की शिकायत पर बिठाई गई जाँच को निष्क्रिय करने के प्रयास किये जाने के संकेत मिल रहे है। चूंकि गहन पड़ताल हुई और एक-एक पहलू पर बारीकी से पड़ताल की गई तो विभाग के उच्च अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। सूत्रों के मुताबिक विभागीय अफसर उच्च अधिकारियों को बचाने के फेर में जाँच को निष्क्रिय करने का प्रयास कर सकते है। सूत्रों का तो यह भी कहना है कि जाँच प्रभावित करने के मकसद से एबीआरसी से इस्तीफा भी दिलवाया जा सकता है।

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डीएम ने किया ब्यौरा तलब

ललितपुर : प्राथमिक शिक्षक संघ (जबर सिंह गुट) द्वारा एबीआरसी के चयन में गड़बड़ी की शिकायत को मण्डलायुक्त ही नहीं बल्कि जिलाधिकारी ने भी बेहद गम्भीरता से लिया है। मामले की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुये जिलाधिकारी ने एबीआरसी से सम्बन्धित तमाम अभिलेखों का ब्यौरा तलब कर लिया है। वह स्वयं प्रत्येक पहलु का बारीकी से अध्ययन कर रहे है।


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