पूर्व सासद के फार्म हाउस पर डबल मर्डर से सनसनी
दादी-नातिन की सोते समय सिर कुचल कर नृशस हत्या घर में रखे जेवरात व पचास हजार रुपये भी गायब ललितपु
दादी-नातिन की सोते समय सिर कुचल कर नृशस हत्या
घर में रखे जेवरात व पचास हजार रुपये भी गायब
ललितपुर ब्यूरो :कोतवाली अन्तर्गत ग्राम मसौराखुर्द में हाइवे से सटे पूर्व सांसद सुजान सिंह बुन्देला के फार्म हाउस पर सोमवार की देर रात हत्यारों ने दालान में तखत पर सो रही दादी-नातिन की किसी ठोस वस्तु से सिर कुचल कर नृशस हत्या कर दी। दोहरे हत्याकाण्ड से इलाके में सनसनी फैल गयी। घटना की सूचना पाकर एएसपी, सीओ सिटि के अलावा पुलिस की फील्ड यूनिट टीम मौके पर पहुँच गयी। बताते है कि इस घटना के बाद से घर में रखे सोने-चाँदी के जेवरात व रुपये भी गायब हैं। पुलिस इस सनसनीखेज दोहरे हत्याकाण्ड की पड़ताल में जुट गयी। घटना से लोगों में दहशत है।
बताते चलें कि ग्राम मसौराखुर्द में हाइवे से सटकर पूर्व साँसद सुजान सिंह बुन्देला का फार्म हाउस है। इस फार्म हाउस की देखभाल थाना नाराहट अन्तर्गत ग्राम डोंगराकलाँ निवासी घनश्याम कुशवाहा का परिवार करता चला आ रहा है। बीते 8 वर्षाें से उक्त फार्म हाउस पर बने खपरैल घर में घनश्याम का परिवार रहता रहा है। घनश्याम कालापहाड़ पर चौकीदारी का काम करता है, जबकि फार्म हाउस में उसकी पत्नी गेंदारानी (55), नातिन रेखा (7) पुत्री भगवानदास कुशवाहा व एक पुत्र केहर सिंह रहता है। परिजनों के अनुसार रविवार को केहर ग्राम डोंगराकलाँ में अपनी फसल की बुआई करने के लिए गाँव चला गया। ऐसे में फार्म हाउस पर गेंदारानी व रेखा ही थे। सोमवार की देर रात अज्ञात हत्यारों ने फार्म हाउस पर धावा बोला। उस वक्त खपरैल कमरे की दालान में गेंदारानी अपनी नातिन रेखा के साथ तखत पर सो रही थी। दोनों ही एक दूसरे के विपरीत दिशा में करवट लिये थे। हत्यारों ने लोहे की किसी ठोस वस्तु से गेंदा के सिर पर प्रहार किया। प्रहार इतना जबरदस्त था कि खून का फौव्वारा फूट पड़ा और उसका सिर फट गया। चंद मिनट बाद उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। इसके बाद हत्यारों ने मासूम रेखा के चेहरे पर भी प्रहार कर उसे हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया। दादी-नातिन को मौत के घाट उतारने के बाद हत्यारों ने दादी के सिरहाने से चाबी निकालकर कमरे का दरवाजा खोला और अन्दर अनाज की टकी में रखे सोने-चाँदी के जेवरात चुरा लिये। साथ ही लोहे के तीन बक्सों का ताला तोड़कर उसमें रखे 50 हजार रुपये भी चुरा लिये। घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारे मौके से फरार हो गये। भले ही घटनास्थल हाइवे के किनारे हो, लेकिन मुख्य मार्ग से 50 मीटर अन्दर घर बने होने के कारण किसी को इस दोहरे सनसनीखेज हत्याकाण्ड की भनक नहीं लगी। प्रात: 9.30 बजे पड़ोस में ही खेत में रहने वाला वृद्ध कामता प्रसाद फार्म हाउस में लगे तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाने आया, तो दालान में पड़े दादी-नातिन के खून से लथपथ शव देखकर उसके पैरो तले से जमीन खिसक गयी। खबर फैलते ही मौके पर लोगों की भीड़ एकत्रित हो गयी। सूचना पर अपर पुलिस अधीक्षक दयानन्द मिश्र, सीओ सिटि सूरत सिंह चौहान, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मंगला प्रसाद तिवारी, स्वॉट टीम प्रभारी शशाँक राजपूत मौके पर पहुँच गये। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना कर जानकारी ली। दोहरे हत्याकाण्ड की खबर से इलाके में दहशत फैल गयी। सूचना पर पुलिस की फील्ड यूनिट शाखा प्रभारी अनुरेखा यादव अपनी टीम के साथ मौके पर आ गयी। उन्होंने घटनास्थल से कई नमूने एवं फिंगर प्रिंट्स लिये। दादी-नातिन के सिर पर हत्यारों ने प्रहार किये थे, जिससे उन्हें सम्भलने का जरा भी मौका नहीं मिला। चूँकि दोनों एक दूसरे के विपरीत करवट लेकर लेटी हुयी थी। उनके शव इसी अवस्था में खून से लथपथ हालत में बरामद हुए। सोते समय प्रहार करने से मृतकों द्वारा ओढ़ा गया कम्बल भ कट गया था। मौके पर भारी मात्रा में खून बिखरा पड़ा था, तो वहीं कपड़ों व जमीन पर गिरा खून सूख चुका था, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्यारों ने देर रात 12-3 के बीच ही इस घटना को अंजाम दिया होगा। दोनों की चीखपुकार भी किसी ने नहीं सुनी। कमरे के अन्दर का सामान बिखरा पड़ा था। बक्सों के ताले टूटे पड़े थे, वहीं अनाज भी बिखरा था। प्रथम दृष्टया यही अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्यारों ने दोनों को मौत के घाट उतारने के बाद चोरी की। वहीं यह भी कयास लगाया जा रहा है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए ही हत्यारों ने चोरी का प्रपंच रचा हो। पुलिस ने आसपास खेतों की गहराई से छानबीन की, लेकिन कहीं भी आलाकत्ल बरामद नहीं हो सका, जिससे हत्या के औजार को लेकर संशय बरकरार है। हालाँकि पुलिस लोहे अथवा पत्थर की ठोस वस्तु से हत्या की बात कह रही है। फिलहाल पुलिस ने दोनों मृतकों के शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्यारे हत्या के उद्देश्य से ही फार्म हाउस पहुँचे होंगे। उन्हे इस बात का भी भलीभाँति ज्ञान था कि इस समय दादी-नातिन अकेले ही है।
रीबी ही रहे होंगे हत्यारे
ललितपुर: इस दोहरे अंधे हत्याकाण्ड में कई सवाल उभरकर सामने आ रहे है। मसलन, उन्हे गेंदारानी की ही हत्या करनी थी। लेकिन मासूम को मौत के घाट क्यों उतारा? इसके पीछे कयास लगाये जा रहे है कि मासूम हत्यारों को पहचानती थी। यही वजह है कि भेद खुलने के डर से मासूम को भी मौत के घाट उतार दिया गया। मासूम बच्चों को मारने के पीछे प्रथम दृष्टया पहचान लिये जाने की बात ही उभरकर सामने आती है। वहीं जमीनी विवाद व सम्पत्ति विवाद के पीछे भी घटना जुड़ी होने के अनुमान लगाये जा रहे है। यदि हत्यारों का उद्देश्य चोरी या लूटपाट होता तो वे गेंदारानी के शरीर पर मौजूद सोने-चाँदी के जेवरात क्यों छोड़ते? मौके पर मृतका के शव पर जेवरात थे। उन्हे क्यों नहीं लूटा गया? तो क्या यह अनुमान लगाया जाये कि पुलिस का ध्यान बटाने के लिए तो नहीं कमरे का सामान बिखराया गया? फिलहाल इतना तो तय है कि इस दोहरे हत्याकाण्ड में कोई करीबी ही शामिल है, जिसने सुनियोजित तरीके से दादी-नातिन की हत्या की।
रेखा की मौत से बुझ गया घर का चिराग
ललितपुर: रेखा अपने माता-पिता की इकलौती सन्तान थी। वर्ष 2008 में रेखा के पिता भगवानदास की एक सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गयी थी। पिता की मौत के बाद उसकी माँ ने एक युवक के साथ दूसरा विवाह रचा लिया था और अपने पति के घर चली गयी थी। ऐसे में रेखा अपनी दादी के पास ही रहती थी। रेखा की मौत के बाद भगवानदास के परिवार का चिराग हमेशा के लिए बुझ गया। मौके पर इस दोहरे हत्याकाण्ड से व्यथित व दुखी परिजनों का कोहराम देखकर पत्थर दिल लोगों की भी आँखें नम हो गयी थी। लोगों के जेहन में एक ही सवाल था कि आखिर मासूम रेखा को क्यों मारा? फिलहाल यह दोहरा अंधा हत्याकाण्ड पुलिस को चुनौती बना हुआ है। पुलिस हर एंगिल से घटना की पड़ताल कर रही है।
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पूर्व में भी घटी इस तरह की घटनायें
ललितपुर: जनपद में पूर्व में भी इस तरह के सनसनीखेज दोहरे हत्याकाण्ड प्रकाश में आ चुके है। 8 नवम्बर 2008 की रात थाना बालाबेहट अन्तर्गत ग्राम महोली में खेत पर फसल की रखवाली कर रही आदिवासी वृद्धा व उसके नाती की ठीक इसी अंदाज में सोते समय धारदार हथियार से गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गयी थी। 25 अप्रैल 2012 को कोतवाली अन्तर्गत ग्राम जुगपुरा में एक खेत में माँ-बेटी के शव पड़े पाये गये थे। दोनों की ही प्लास्टिक की रस्सी से गला घोंटकर निर्मम हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। काफी हाथ पैर मारने के बाद जब यह अंधा हत्याकाण्ड नहीं खुला, तो पुलिस ने इस मामले की फाइल बन्द कर दी थी।