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शादी घरों ने उड़ाया मोहल्लेवालों का चैन

डीजे की तेज आवाज से नींद में खलल ललितपुर ब्यूरो : लगन का महीना शुरू होते ही शहरवासियों का जीना द

By Edited By: Published: Mon, 27 Oct 2014 12:50 AM (IST)Updated: Mon, 27 Oct 2014 12:50 AM (IST)
शादी घरों ने उड़ाया मोहल्लेवालों का चैन

डीजे की तेज आवाज से नींद में खलल

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ललितपुर ब्यूरो :

लगन का महीना शुरू होते ही शहरवासियों का जीना दूभर हो गया है। शादी समारोह की धूम में आम-अवाम की जिन्दगी गुम हो गई है। शाम ढलते ही मैरेज हालों से कानफाडू आवाज में गाने बजने लगते है। शहर के बीचों-बीच कुकरमुत्ते की तरह उग आये दर्जनों मैरेज हॉल के आसपास रहने वालों का सुख-चैन छिन गया है। प्रशासन शहरवासियों की इस परेशानी पर चुप है।

शादी ब्याह का महीना जनमानस में खुशनुमा माहौल बना देता है। मगर अब स्थिति बदल गई है। समारोहों की भव्यता के नाम पर व्यवस्था किए जाने वाले बड़े-बड़े डेक, डीजे और तमाम ध्वनि विस्तारक यंत्रों से होने वाले शोर-शराबे आम जनमानस के लिए पीड़ादायक बन गए है। शाम से कई मोहल्ले लगातार पूरी रात शहर शोर-शराबे में ही डूबे जा रहे है। इस परेशानी को शहर में बने मैरेज हाल और भी बढ़ा रहे है। मैरेजहॉलों से निकलने वाले गानों के कानफोडू आवाज आस-पड़ोस की आबादी के रात की नींद छीन ली है। अध्य्यनरत छात्रों की पढ़ाई चौपट हो रही है। बुजुर्गो को शोर से खासी दिक्कतें आ रही है। बीमारों की बीमारी ज्यादा दु:खदायी हो जा रही है। कुल मिलाकर यह ध्वनि प्रदूषण लोगों की जिन्दगी में जहर घोल रहा है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार रात 10 बजे के बाद डीजे बजाने की मनाही है। तेज आवाज में ध्वनि प्रदूषण फैलाने पर तो कठोर कार्यवाही का प्राविधान है। हैरानी की बात तो यह है कि न तो परेशान शहरवासियों ने इस गम्भीर समस्या के प्रति जागरूकता दिखाई है, और न ही प्रशासन इस समस्या से निजात दिलाने में कोई दिलचस्पी ले रहा है।


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