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पर्यटन : पिकनिक स्पॉट-4

By Edited By: Published: Sun, 21 Sep 2014 01:12 AM (IST)Updated: Sun, 21 Sep 2014 01:12 AM (IST)
पर्यटन : पिकनिक स्पॉट-4

ललितपुर ब्यूरो : जनपद में पर्यटन की असीम सम्भावनाएं है। पर्यटन समृद्ध क्षेत्रों की विशेषताओं की जानकारी देते हुये पिछले सोमवार तक हम आपको बता चुके है- हाल ही में खोजी गयी बुद्ध गुफाओं के बारे में। करकरावल जलप्रपात, टैनगा के नीलकण्ठेश्वर, च्यवन झरना और मगरदहा के बारे में। देवगढ़, देवामाता, रणछोर धाम, नीलकण्ठेश्वर, झूमरनाथ, बरवासनदेवी, माताटीला, तालबेहट, बार, केरखों, क्षेत्रपाल, सदनशाह, शहीद स्मारक, प्राचीन बाबड़ी, बाँसा, एक पत्थर की बावड़ी, राककट शिव परिवार, पुराने शिवमढ़, रहस्यमय चाँदपुर-जहाजपुर, चक्रव्यूह, रनगाँव के लोकनृत्य, हनुमान जी, बोधिसत्व के अलावा विभिन्न खूबसूरत पिकनिक स्पॉट आदि के बारे में। आज हम आपको बताना चाहेगे- जनपद के अन्य चर्चित पिकनिक स्पॉट के बारे में जहाँ आप छुट्टी का भरपूर आनन्द उठा सकते है।

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जनपद में दर्जनों शानदार पिकनिक स्पॉट हैं। इनकी फोटोग्राफी (सही उच्चारण फटॉग्रफि) सोशल साइट्स पर आपको हजारों लाइक दिला सकती है। रुचि के अनुरूप इन स्थानों पर जाकर आप अपने जीवन का ऐसा आनन्द संजो सकते हैं, जिसे आप कभी भूलना नहीं चाहेगे। पर्यावरण-प्रिय इको-टूरिच्म के ऐसे स्थल शायद ही और कहीं मिलें।

पण्डुवन-

पण्डुवन अर्थात पाण्डव वन। यह वह स्थान है, जहाँ पौराणिक मान्यता के अनुसार अज्ञातवास के दौरान पाण्डवों ने अपना काफी समय व्यतीत किया था। यहाँ मौजूद महाभारत काल के भित्तिचित्र इसका प्रमाण है। पाण्डव भगवान शिव के उपासक थे। इसलिये उनके द्वारा यहाँ बने पत्थर के प्राचीन शिवलिंग और नदी किनारे छिपने योग्य दर्जनों गुफायें पिकनिक के आनन्द में चार चाँद लगा देती हैं। यहाँ तक पहुँचने के लिये मदनपुर के पास तक लम्बा जंगली मार्ग तय करना पड़ता है। छोटा वाहन यहाँ नहीं आ पाता, इसलिये बड़ी और ज्यादा ग्राउण्ड क्लीयरेस वाली कार से आना ही अच्छा है। यहाँ पहाड़ी पर धर्मशाला का निर्माण हो जाने से बरसात के दौरान खाना बनाने का पर्याप्त स्थान मिल जाता है। खाना बनाने का सामान साथ लाना पड़ता है। यहाँ का कुण्ड का पीने का पानी इतना स्वादिष्ट और औषधीय गुणों से युक्त है कि पिकनिक पर भोजन का मजा बढ़ जाता है। और तो और यात्री यहाँ मिनरल वाटर फेंककर अपनी बोतलों में इस शीतल और उपयोगी पानी को भरकर ले जाते हैं। मन्दिर के बगल में घाटी के नीचे नदी में अठखेलियाँ कर आप अपना पूरा दिन पेड़ों की छाँव में बिता सकते है। यहाँ की गुफाओं में भीषण गर्मी में भी एसी का आनन्द लिया जा सकता है।

पाली के नीलकण्ठेश्वर

पान की नगरी पाली में पहाड़ी पर भगवान नीलकण्ठेश्वर की त्रिदेव सुन्दर प्रतिमा वाले मन्दिर की धर्मशाला में लोग दशकों से पिकनिक मनाते चले आ रहे हैं। यहाँ भी पहाड़ों के गर्भ से निकलता शीतल और स्वास्थ्यव‌र्द्धक जल साल भर उपलब्ध रहता है। अपनी भोजन सामग्री साथ लानी पड़ती है। पास ही सीतामढ़ी स्थान भी पिकनिक के लिये अच्छा है। यहाँ लोग बर्थडे पार्टी तो क्या शादियां भी आयोजित कर लेते है। पहाड़ी पर आध्यात्म के साथ जंगल के सुन्दर दृश्यों के बीच अपने हाथ का बने खाने के स्वाद के साथ मित्रों और परिवार के साथ पिकनिक का आनन्द उठाने बरसात में कई परिवार आते रहते हैं। युवाओं में सहज पहुँच के कारण यह स्थान पिकनिक के लिये खासा लोकप्रिय है।

जंगल में पिकनिक

जनपद के जंगल आनन्द मनाने के लिये अच्छे पिकनिक स्थल हो सकते है। जनपद में किसी भी शहर से कुछेक किलोमीटर चलकर जंगल की हरियाली का आनन्द उठाया जा सकता है। यदि चार्टर्ड कार है, तो उसके साथ जंगल में पूरे दिनभर मौज की सकती है। मदनपुर और पापरा के घने जंगलों में काफी समृद्ध वन्य जीवन भी है। यहाँ खोजी युवाओं के लिये करने को बहुत कुछ है। किसी भी जड़ी बूटी की खोज से लेकर दुर्लभ वन्य जीवों की खोज का यहाँ भरपूर आनन्द लिया जा सकता है। प्रकृति के घने साये में रहकर उसके असली रहस्यों को परखना और खोजना यादगार अनुभव हो जाता है। घने जंगलों की हरियाली के बीच की फटॉग्रफि यादगार हो जाती है। हाँ, यहाँ समझदार गाइड या वन विभाग के कर्मचारी की जानकारी और सुरक्षा जरूर लें। अपने साथ खाना और पानी भी ले जायें।

जनपद में दर्जनों है पिकनिक स्पॉट

जाने के साधन- पक्का मार्ग, निजी वाहन

सुविधा- दर्शन, बिजली, पानी फोटोग्राफि आदि

अन्य दर्शनीय- जनपद की प्राचीन धरोहरे

विशेषता- अपनी रुचि के अनुसार आप जंगल, पहाड़, नदी-झील का किनारा, किला, धर्मस्थल, प्राचीन धराहर या नये बनाये स्थान पर जाकर अपना सरल शाँत क्षेत्र या दुर्गम अभियान का चयन कर सकते हैं। वैसे प्राकृतिक वातावरण से युक्त ये सभी पिकनिक स्पॉट उत्साही लोगों को खूब लुभाते हैं।

खास विशेषता- जनपद के लोगों को अपने करीबी पिकनिक स्पॉट पर पहुँचने के लिये ज्यादा जहमत उठाने की जरूरत नहीं है। यहाँ कहीं भी दोस्तों या परिवार के साथ कम खर्च में भरपूर आनन्द लिया जा सकता है।

ललितपुर: पण्डुवन की गहरी घाटियों की चट्टानों में हाल ही में खोजे गये महाभारत काल के भित्तिचित्र।

आप भी हटा सकते है अनछुये रहस्यों से पर्दा

ललितपुर : पण्डुवन में अभी भी पहाड़ की चट्टानों और गुफाओं में जंगली घाटी के आसपास महाभारत काल के भित्तिचित्र और पाण्डवों के रहने के ऐसे प्रमाण मौजूद हो सकते हैं, जो अब तक दुनिया के सामने नहीं आये हैं। वस्त्र पहने मनुष्य के रगचित्र महाभारत काल में बनाये जाने लगे थे। जो गत वर्ष यहाँ खोजी पत्रकार रवीन्द्र दिवाकर द्वारा दुनिया के समक्ष उजागर किये गये थे। हो सकता है यहाँ जंगली घाटी में छिपे पत्थरों पर बनाये गये नये अनछुये पौराणिक भित्तिचित्र आपके द्वारा खोजे जाने का इन्तजार कर रहे हों। हाँ, पत्थरों पर और जंगलों में विचरण करते समय सुरक्षा की दृष्टि से सावधानी अवश्य बरतें।


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