हाईकोर्ट का आदेश ले न्यायालय पहुँची अपहृता
अपनी मर्जी से भोपाल में रचायी थी शादी
पुलिस ने दी सुरक्षा, कराया चिकित्सकीय परीक्षण
डेढ़ माह पूर्व माँ ने दर्ज कराया था अपहरण का मुकदमा
ललितपुर ब्यूरो :
थाना जाखलौन अन्तर्गत कस्बा धौर्रा से बीते 16 जुलाई को बहला-फुसला कर किये गये नाबालिग किशोरी के अपहरण के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। हाईकोर्ट का आदेश लेकर कथित अपहृत किशोरी गत दिवस न्यायिक मैजिस्ट्रेट न्यायालय पहुँची। यहाँ उसने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर न केवल खुद को बालिग बताया, बल्कि मैजिस्ट्रेट को अपने अपहरण की बात को खारिज करते हुए मर्जी से जाने की बात भी बतायी। उसने यह भी बताया कि आरोपी युवक के साथ उसने प्रेम विवाह रचा लिया है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने न केवल उक्त किशोरी को सुरक्षा प्रदान की, बल्कि चिकित्सीय परीक्षण भी कराया। यह अनोखा मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।
कस्बा धौर्रा निवासी एक महिला ने 20 जुलाई को जाखलौन पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 16 जुलाई की दोपहर 3 बजे उसकी 17 वर्षीय नाबालिग पुत्री अपने घर पर थी। इसी बीच उसकी सहेली पिंकी पुत्री प्रागीलाल कुशवाहा अपनी भाभी के साथ उसके घर आयी। यहाँ सहेली ने उसकी पुत्री से अपने भाई के बुलाने की बात कही। इसके बाद सहेली अपनी भाभी की मदद से बहला-फुसलाकर उसकी पुत्री को अपहृत कर ले गयी। इसके बाद सभी आरोपी छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन में बैठकर भोपाल की ओर भाग गये। पीड़िता ने बताया कि उसने अपनी पुत्री की काफी खोजबीन की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। इस मामले में पुलिस ने पिंकी कुशवाहा, उसके भाई रवि कुशवाहा व भाभी निवासीगण कस्बा धौर्रा के खिलाफ धारा 363, 366, 368 के तहत मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस ने मामले की विवेचना के बाद आरोपी रवि की माँ, बहिन, भाभी व अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मुख्य आरोपी की तलाश में पुलिस ने छापामारी शुरू कर दी थी। गत दिवस उक्त किशोरी हाईकोर्ट का आदेश लेकर ललितपुर स्थित न्यायालय पहुची। यहाँ उसने हाईकोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए बताया कि उसके माता-पिता उसका उत्पीड़न कर रहे थे। उसकी मर्जी के बगैर उसकी शादी की जा रही थी। इसी उत्पीड़न से त्रस्त होकर वह रवि कुशवाहा के साथ अपनी मर्जी से चली आयी थी। खुद को बालिग बताते हुए किशोरी ने बताया कि उसने अपनी मर्जी से रवि के साथ भोपाल के आर्य समाज मन्दिर में शादी कर ली थी और उसी के साथ सारा जीवन बितायेगी। उसने मैजिस्ट्रेट को हाईकोर्ट के आदेश के बारे में भी बताया। साथ ही परिजनों से अपनी जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की भी माँग की। मैजिस्ट्रेट के आदेश पर जाखलौन थानाध्यक्ष रामचन्द्र दीक्षित ने शुक्रवार को किशोरी का जिला महिला चिकित्सालय में चिकित्सीय परीक्षण कराया। साथ ही दो पुलिसकर्मी व एक महिला पुलिसकर्मी को किशोरी की सुरक्षा में तैनात कर दिया। अब उक्त किशोरी को एक सितम्बर को न्यायिक मैजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश किया जायेगा, जहाँ चिकित्सीय रिपोर्ट, किशोरी के बयान के आधार पर उसके भाग्य का फैसला होगा। कयास लगाये जा रहे है कि यदि चिकित्सीय रिपोर्ट में किशोरी बालिग साबित हुयी, तो वह अपनी मर्जी से आरोपी रवि के साथ पत्नी की तरह रह सकती है। हालाँकि सारा मामला न्यायालय के फैसले पर टिका हुआ है। यहाँ बता दें कि न्यायालय में पेश होने से पूर्व किशोरी ने पुलिस अधीक्षक किरण एस से भी मुलाकात कर अपनी जान का खतरा बताते हुए हाईकोर्ट के आदेश की जानकारी दी थी। इस पर एसपी ने जाखलौन पुलिस को मामले की पड़ताल करने के आदेश दिये थे। साथ ही सुरक्षा देने को भी कहा था। इस मामले में महिला थानाध्यक्ष रचना राजपूत ने किशोरी के बयान दर्ज भी किये थे। फिलहाल किशोरी बार-बार खुद को बालिग बताते हुए शादी की बात कह रही है। वहीं पुलिस इस पूरे मामले की पड़ताल कर रही है। उधर, सूत्र बताते है कि आरोपी रवि कुशवाहा भी लगातार किशोरी के सम्पर्क में है। अब देखना यह है कि एक सितम्बर को न्यायालय में किशोरी के भाग्य का क्या फैसला होता है? फिलहाल यह मामला धौर्रा क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।