छठवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ का अभिषेक आज
ललितपुर : श्रीथानेश्वर महादेव मंदिर पर श्रावण मास के पावन अवसर पर असंख्यात पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं महारूद्राभिषेक का आयोजन चल रहा है। यहाँ बारह ज्योर्तिलिंग की प्रतिकृति का निर्माण व पूजन भी हो रहा है।
पण्डित प्रसन्न पुरोहित द्वारा भगवान भोलेनाथ के छठवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ जी का निर्माण किया गया। आचार्य पंडित राजेन्द्र पुरोहित ने भगवान श्री केदारनाथ के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि धर्म की पत्नी 'मूर्ति' से भगवान नर-नारायण ने अवतार ग्रहण किया। वे दोनों बदरिकाश्रम में जाकर तपस्या करने लगे। उनकी यह तपस्या कल्पपर्यन्त चलने वाली है। दोनों की प्रार्थना से भगवान शिव वहा पार्थिवलिंग में विराजित थे। एक बार प्रसन्न होकर के शिव ने उनसे वरदान माँगने को कहा जिस पर नर नारायण ने प्रार्थना की कि यदि आप प्रसन्न है तो यहा अपने स्वरूप से हमारी पूजा के लिए स्थित हो जायें। तब से महेश्वर वहा ज्योर्तिलिंग में स्थित हुए। उन्हें केदारनाथ कहा जाता है। इसी के साथ जब महाभारत काल में पाण्डव इस क्षेत्र में पहुचे तो शिव ने महिष का रूप धारण किया और लीला पूर्वक भागने लगे। जिस पर भीमसेन ने दौडकर उनकी पूंछ पकड़ ली, इससे महिष ने अपना सिर नीचा कर लिया। इसी महिष के पृष्ठ रूप से केदारेश्वर लिंग है। महिष का शिरोभाग नेपाल में प्रकट हुआ जिसे पशुपति नाथ कहते है। पाण्डवों ने यहा केदारेश्वर का पूजन किया। बताया गया कि 31 जुलाई से 6 अगस्त तक संगीतमय श्रीमदभागवत कथा का आयोजन होगा। आयोजन आचार्य श्रीसीताराम पुरोहित जी की देखरेख में किया जा रहा है।