प्रधानमन्त्री सड़क योजना की खुली पोल
महरौनी (ललितपुर): प्रधानमन्त्री सड़क येाजना के अन्तर्गत महरौनी से नाराहट तक कुछ वर्षो पूर्व रोड का निर्माण किया गया था। निर्माण के दौरान से ही इसकी शिकायतें होना शुरू हो गयी थीं। लेकिन ठेकेदार द्वारा निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग जारी है। इससे रोड में गड्डे होना शुरू हो गये थे। निर्माण से एक वर्ष के अन्दर ही सम्पूर्ण रोड गड्ढों में तब्दील हो गयी थी। उस समय जागरूक नागरिक प्रमोद बड़ौनिया द्वारा इस रोड निर्माण में हो रही धाधली की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक की गयी थी। इस पर उच्च स्तरीय जाँच भी कराई गयी थी। हालाकि जाँच के बाद ऐसी कोई भी कार्यवाही अमल में नहीं लायी गयी, जिससे इस रोड में सुधार हो सके। परिणाम स्वरूप क्षेत्रवासियों को इस गड्ढे युक्त सड़क में सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इस रोड में जहाँ अनेकों जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गये है। वहीं छोटे बड़े पुलों की स्थिति भी काफी दयनीय है। छोटे-छोटे वाहन निकलने में भी काफी दिक्कत होती है बड़े वाहन तो ईश्वर को याद करके ही इनके ऊपर से निकलते है उन्हे हमेशा यह डर सताता है कि पता नहीं कब कौन सी पुलिया ध्वस्त हो जाये और उनका वाहन वहीं फंस जाये।
गुरूवार को पत्थर से लदा हुआ एक ट्रक इस मार्ग से गुजर रहा था। वह महरौनी से 2 किमी पहले ही इस रोड पर पटेरिया नाला पर बने पुल पर था। जब यह ट्रक पुल के ऊपर से गुजर रहा था, तभी पुल टूट गया। जिससे ट्रक के दोनों पिछले पहिये इसमें धंस गये और इस मार्ग का यातायात बाधित हो गया। पुल के टूटने से इसमें लगे लोहे के सरिया बाहर निकल आये। जिन्हे देखकर कोई भी कह सकता है कि इतने पतले सरिया के कारण ही यह कमजोर था। वह तो गनीमत रही कि ट्रक के दोनों पहिये एक साथ इसमें धंसे, यदि एक तरफ के पहिये इसमें धंसते तो ट्रक पलट जाता और बड़ी दुर्घटना घटित हो जाती।