दलालों का दम : एक दिन में बन जायेग लाइसेंस!
ललितपुर ब्यूरो
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया लोगों को इतनी जटिल लगती है कि वे 60 से 100 रुपये के वैध शुल्क के बजाय दलालों के मार्फत 400 सौ 600 सौ रुपये तक खर्च कर देते है, जबकि असल में लाइसेंस की प्रक्रिया केवल 20 मिनट में पूरी हो जाती है और लाइसेंस सात दिनों के अन्दर घर पहुच जाता है।
एआरटीओ दफ्तर में मामूली से काम के लिए लोगों को दलालों का सहारा लेना पड़ रहा है। अफसरों व बाबुओं की मिलीभगत से यहाँ पर दलाल काफी सक्रिय है, जिसके चलते आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ड्राइविंग लाइसेंस के नाम पर इन दिनों काफी खेल खेला जा रहा है। बिना दलालों के यहाँ लाइसेंस बनवाना काफी टेढ़ी खीर हो गया है। यही वजह है कि लोग थक-हार के दलालों के चंगुल में पहुच जाते है। और यही से शुरू होती है उनसे वसूली की प्रक्रिया। कार्यालय के बाहर जमें दलाल लोगों को तरह-तरह के प्रलोभन देकर उनका चन्द समय में ही लाइसेंस उनके हाथों में उपलब्ध करा देते है। यदि उनके पास कागज भी नहीं है तो उसी अनुसार उनसे रुपया लिया जाता है। दलालों के चंगुल में फंसने की एक वजह उन्हे लाइसेंस बनने की प्रक्रिया की जानकारी न होना है। एआरटीओ कर्मचारी उन्हे जानबूझकर उलझाते है और इसका फायदा दलालों को मिलता है। लिहाजा लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को जानना जरूरी है, ताकि लोग दलालों के चंगुल में न फंसें।