फोटो - 23 एल टीपी- 12
तालबेहट : नगर में स्थित खाद्यान्न विभाग की गोदाम।
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तालबेहट : गोदाम के अन्दर कार्य करता मजदूर।
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50 की जगह 48 किलो की बोरी
0 खाद्यान्न गोदाम में तमाम सरकारी कोशिशों के बाद भी घालमेल जारी
तालबेहट (ललितपुर) : शासन की तमाम बन्दिशों के बाद भी गरीबों को मिलने वाली खाद्यान्न्न में अनियमितताओं के खेल में लगाम नहीं लग पा रही है। यही वजह है कि हर डाल पर बैठा कौआ इन गरीबों के निवाले पर डाका डालने का काम कर रहा है। खाद्यान्न गोदाम में बरती जा रही अनियमितताओं की शिकायत कोटेदारों ने करते हुए जाँच कराकर कार्यवाही की माँग की है। उन्होंने कहा कि उन्हे मिलने वाले खाद्यान्न में भारी कटौती की जा रही है। 50 किलो की बोरी में 48 किलो खाद्यान्न दिया जा रहा है। जिससे उन्हे भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को कम रुपयों में सरकार द्वारा खाद्यान्न दिया जाता है। जिसके तहत उन्हे गेहूँ, चावल, चीनी व मिट्टी का तेल आदि देकर राहत पहुचायी जाती है। इस सबके बावजूद शासन की मंशा को तालबेहट स्थित खाद्यान्न गोदाम पर बैठे अधिकारी पलीता लगा रहे हैं। विद्युत उपकेन्द्र के समीप स्थित खाद्यान्न गोदाम में कोटेदारों को दिए जाने वाले खाद्यान्न में भारी अनियमितताएं बरती जा रही है। उन्हे 50 किलो की बोरी में 48 किलो माल दिया जा रहा है। बताया गया है कि गोदाम पर लगे मजदूरों द्वारा प्रत्येक बोरी से माल कम कर उन्हे दिया जा रहा है। यही नहीं यहाँ लगे काँटे की तौल भी सही नहीं है। कम सामान तुलवाने पर भी यह 50 किलो और उससे अधिक बताता है। इसके अलावा गरीबों को दिया जाने वाला यह खाद्यान्न काफी घटिया किस्म का दिया जा रहा है। जब उनसे बोरी बदलने की बात कही जाती है तो वह दो टूक शब्दों में यही कह देते है कि यह बोरी वह अपने घर पर नहीं बना रहे है। ऊपर से जो बोरी आ रही है, वह उन्हे दी जा रही है। कोटेदारों की शिकायत है कि वह आसपास की मिट्टी बटोरकर वह उक्त माल में मिला देते है।
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ऊपर से कम आती है सामग्री
तालबेहट : कोटेदारों द्वारा लगाए गए इन आरोपों के क्रम में वरिष्ठ विपणन निरीक्षक सर्वेश कुमार से बात की गई, तो उन्होंने इन आरोपों को गलत ठहराते हुए बताया कि खाद्य सामग्री कोटेदारों को पूरी तोलकर दी जा रही है। बोरी फटी होने के कारण एक-आध बोरी से माल कुछ कम हो सकता है, लेकिन सभी बोरियों में ऐसा नहीं है। घटिया माल पर उन्होंने बताया कि खाद्यान्न पुराना होने के कारण ऐसा आ रहा है। वह स्वयं तो नहीं भर रहे है। जैसा ऊपर से माल आएगा, वह उन्हे दिया जाएगा।