टांगियां जंगल में हो रहा बेशकीमती पेड़ों का कटान
लखीमपुर : टांगियां जंगल से बेशकीमती पेड़ों को काटकर नेपाल पहुंचाने का धंधा बदस्तूर जारी है। वन चौकी क
लखीमपुर : टांगियां जंगल से बेशकीमती पेड़ों को काटकर नेपाल पहुंचाने का धंधा बदस्तूर जारी है। वन चौकी के पास ही पेड़ों के काटे जाने से विभागीय कर्मियों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
करीब एक दशक से संपूर्णानगर वन रेंज के तहत हजारा, टांगिया और टाटरगंज जंगलों से वनमाफियाओं द्वारा बेशकीमती पेड़ों को काटकर नेपाल पहुंचाने का धंधा फलफूल रहा है। अब तक करोड़ों रुपये कीमत के शीशम, सागौन आदि बेशकीमती पेड़ों को काट कर वन तस्करों द्वारा उसकी लकड़ी नेपाल पहुंचाई जा चुकी हैं। दो वर्ष पूर्व अवैध कटान की शिकायत पर वन विभाग द्वारा बड़ी कार्रवाई करते हुए रेंजर सहित, डिप्टी रेंजर, वन दरोगा और कई फारेस्ट गार्डों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हे निलंबित कर दिया गया था। करोड़ों रुपये की कीमती लकड़ी भी भारत के आग्रह पर नेपाल पुलिस द्वारा पकड़ कर भारत को सौंपी गई थी। उसके बाद नए सिरे से सभी वनकर्मियों को तैनात किया गया था। लेकिन, इधर फिर से जंगल में पेड़ों का कटान शुरू हो गया है। नेपाल में लकड़ी महंगी होने के कारण वनमाफिया गिरोहबंद तरीके से यहां कटान कर लकड़ी नेपाल पहुंचाने का धंधा कर रहे हैं। हाल ही में एसएसबी ने टिल्ला नंबर चार के बार्डर के पास शीशम की लकड़ी से भरी एक बैलगाड़ी पकड़ी थी जिस पर लाखों की लकड़ी थी जिसे नेपाल ले जाने के उद्देश्य से छिपाकर रखा गया था। पेड़ों के अवैध कटान का आलम यह है कि टिल्ला नंबर चार वन चौकी से महज 10 कदम की दूरी पर ही तस्करों द्वारा पेड़ों का कटान किया गया है। इसे मौका मिलते ही नेपाल पहुंचा दिया जाएगा। जहां पर पेड़ों का कटान हुआ है उसके पास ही वन विभाग की चौकी, हजारा थाने की पुलिस चौकी और एसएसबी का बीओपी है। लकड़ी तस्करों द्वारा अवैध कटान कर नेपाल पहुंचाने के कारण हजारा, टांगिया और टाटरगंज का जंगल लगभग साफ होता जा रहा है।