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जंगल से काटी गई 60 बोरे ऐनफली बरामद

संपूर्णानगर/महंगापुर (लखीमपुर): डीएफओ नार्थ के निर्देश पर निघासन के डिप्टी रेंजर ने गदनिया के एक पोल

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Mar 2017 10:28 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2017 10:28 PM (IST)
जंगल से काटी गई 60 बोरे ऐनफली बरामद
जंगल से काटी गई 60 बोरे ऐनफली बरामद

संपूर्णानगर/महंगापुर (लखीमपुर): डीएफओ नार्थ के निर्देश पर निघासन के डिप्टी रेंजर ने गदनिया के एक पोल्ट्री फार्म पर छापेमारी कर जंगल से कटी 60 बोरे ऐनफली बरामद की है। वन विभाग ने ऐनफली को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक ऐनफली से शैंपू बनाया जाता है। बरामद ऐनफली की कीमत करीब एक लाख बताई जा रही है। डीएफओ दिव्या को गदनिया के एक पोल्ट्री फार्म पर रखी ऐनफली की सूचना मिली थी। जिसके बाद निघासन के डिप्टी रेंजर भूपेंद्र ¨सह को गदनिया पोल्ट्री फार्म भेजा। छापेमारी के दौरान मौके से भारी मात्रा में ऐनफली बरामद की गई। मौके से कोई नहीं पकड़ा गया। अधिकारियों ने ऐनफली को कब्जे में ले लिया है। डिप्टी रेंजर भूपेंद्र ¨सह ने बताया कि यह ऐनफली ठेकेदार अमर ¨सह और उसके साथी जान मोहम्मद की है। अमर ¨सह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। ऐनफली सिर्फ जंगल में ही पाई जाती है। ऐनफली बड़े पैमाने पर शैंपू बनाने के कार्य में लाई जाती है।

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वन विभाग की मिलीभगत से चल रहा था धंधा

परसपुर के गदनिया इलाके के एक पोल्ट्री फार्म पर छापेमारी के दौरान ऐनफली के पकड़े जाने से वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसे तोड़ने में कई मजदूर लगे होंगे। फिर भी इसकी भनक वन विभाग को नहीं लग पाई। सूत्रों की माने तो ऐनफली परसपुर वन चौकी एवं पलिया रेंज के अधिकारियों की साठगांठ से तोड़ी जा रही थी। गदनिया क्षेत्र में तो ऐनफली तोड़ने का सरकारी ठेका भी नहीं हुआ था। वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से बिना ठेका कराए ही ऐनफली तोड़ने का धंधा चल रहा था।


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