गंदगी के घेरे में स्वच्छता अभियान
तिकुनिया(लखीमपुर) : जगह-जगह गंदगी व कूड़े के ढेर ने स्वच्छता अभियान पर ग्रहण लगा रखा है, परंतु सब कुछ
तिकुनिया(लखीमपुर) : जगह-जगह गंदगी व कूड़े के ढेर ने स्वच्छता अभियान पर ग्रहण लगा रखा है, परंतु सब कुछ जानते हुए भी जिम्मेदार अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। वहीं ग्राम प्रधान सफाईकर्मी नहीं होने का उलाहना देकर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं, जबकि फैली गंदगी से संक्रामक बीमारियां बढ़ रही हैं।
स्वच्छता अभियान भारत सरकार द्वारा महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर 2014 को आरंभ किया गया था, जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों इत्यादि को साफ-सुथरा करना था। इस राष्ट्रीय अभियान को सफल बनाने के लिए देश के प्रधानमंत्री द्वारा भारत के सभी नागरिकों से भी सहयोग की अपील भी की गई थी, लेकिन तिकुनिया के चारों ओर गंदगी व कूड़े के ढेर देखकर ऐसा लगता है कि यहां के लोगों व जिम्मेदार स्थानीय प्रशासन पर प्रधानमंत्री की अपील का कोई असर नहीं है। यही कारण है कि चाहे मुहल्ला बगिया हो या पंजाबी मुहल्ला या फिर रेलवे मार्ग चारों ओर गंदगी का साम्राज्य स्थापित है। इसके लिए संबंधित स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ जनता भी कम जिम्मेदार नहीं है। गंदगी से जहां पर्यावरण दूषित हो रहा है वहीं इससे होने वाली बदबू ने लोगों का जीना दुश्वार कर रखा है। समाजसेवी सुरेंद्र महावर, व्यापारी राजकुमार गोयल, तुलसीराम गोयल, रामू अग्रवाल ने प्रधानमंत्री द्वारा चलाई गई स्वच्छता अभियान की सराहना करते हुए कहा कि जब तक समाज के लोग सफाई के बारे में जागरूक नहीं होंगे तब तक स्वच्छता अभियान बेमानी है।
नहीं है सफाई कर्मी
ग्राम पंचायत सुथना बरसोला के ग्राम प्रधान पति अजय गर्ग ने तिकुनिया में फैली गंदगी के सवाल पर कहा कि उनके पास एक भी सफाईकर्मी नहीं है। कई बार उच्चाधिकारियों से सफाईकर्मी की तैनाती की मांग की जा चुकी है परंतु कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
खंड विकास अधिकारी, निघासन जितेंद्र प्रताप ¨सह ने कहा कि सफाई कर्मी के स्थानांतरण के बाद जहां भी पद रिक्त हैं वहां पर एक ही व्यवस्था की जा सकती है कि रोस्टर बनाकर सफाई करवा दी जाए। वह इसकी जांच करेंगे कि ग्राम पंचायत सुथना बरसोला का रोस्टर बना है या नहीं।