ड्रोन कैमरे में भी नहीं लोकेट हुआ गैंडा
लखीमपुर: गांव-गांव घूम रहा गैंडा डब्ल्यूटीआइ के दो ड्रोन कैमरों में भी कैद नहीं हुआ है। डब्ल्यूटीआइ
लखीमपुर: गांव-गांव घूम रहा गैंडा डब्ल्यूटीआइ के दो ड्रोन कैमरों में भी कैद नहीं हुआ है। डब्ल्यूटीआइ की टीम को शारदा नदी की तलहटी और ग्रंट नंबर 12 के जंगल में अपना ठिकाना बनाए गैंडे की झलक तक नहीं मिली। अब वन विभाग गैंडे को लोकेट करने के लिए कैमरा ट्रै¨पग का सहारा लेने जा रहा है। इसके लिए दक्षिण खीरी वन प्रभाग के एसडीओ अर¨वद मिश्रा की अगुवाई में 10 वनकर्मियों की टीम गठित कर दी गई है। मौजूदा समय में यह गैंडा फूलबेहड़ क्षेत्र में रात के समय निकलता है। एक दिन पहले गैंडे के पगचिह्न जंगपुर गांव के पास खेतों में दिखाई पड़े थे। कुछ दिन पहले यह गैंडा लखीमपुर से सटे महेवागंज क्षेत्र में आ गया था। फील्ड डायरेक्टर सुनील कुमार चौधरी के प्रयास के बाद डब्ल्यूटीआइ के मयूर चटर्जी की अगुवाई में टीम ड्रोन कैमरों के साथ गैंडे की तलाश में पहुंची। टीम ने शारदा नदी के किनारे झाड़ियों और जंगल के आसपास ड्रोन उड़ाकर गैंडे को लोकेट करने की कोशिश की। कई घंटे तक अभियान चलाकर गैंडे की लोकेशन पता की गई, लेकिन टीम को न तो गैंडे की झलक मिली और न ही ड्रोन कैमरा ही उसकी तस्वीरों को कैद कर पाया। डीएफओ अखिलेश कुमार पांडे ने बताया कि ड्रोन में गैंडा कैद नहीं हुआ। अब गैंडे को लोकेट करने के लिए कैमरा लगाए जाएंगे। इसके लिए एसडीओ सहित 10 वनकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। डीएफओ ने बताया कि गैंडा को लोकेट करने के बाद उसे जंगल की ओर मोड़ने का प्रयास किया जाएगा।