गौरीफंटा मंडी : अवैध कब्जेदारों के समर्थन में आए राजनीतिक दलों के नेता
पलियाकलां (लखीमपुर) : वोट की राजनीति का स्तर कितना गिर चुका है, इसका उदाहरण बुधवार को इंडो-नेपाल बार
पलियाकलां (लखीमपुर) : वोट की राजनीति का स्तर कितना गिर चुका है, इसका उदाहरण बुधवार को इंडो-नेपाल बार्डर के गौरीफंटा इलाके में देखने को मिल गया। यहां दुधवा पार्क की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले लोगों के समर्थन में कई दलों के नेता आ जुटे। उन्होंने इन लोगों के साथ मिल कर वन विभाग की कार्रवाई को गलत करार देते हुए मुकदमा लिखने की मांग उठाई। ऐसा तब है जब हाईकोर्ट ने इस जमीन पर बसे लोगों का वाद खारिज कर दिया है तो इन अवैध कब्जेदारों की क्या बिसात है।
गौरीफंटा में तमाम लोग अवैध रूप से फड़ डालकर वन विभाग की जमीन पर कब्जा किए हुए हैं। इन्हें हटाने के लिए मंगलवार को गौरीफंटा रेंजर दीपचंद्र की अगुवाई में वन कर्मी यहां पहुंचे थे। जब वन कर्मियों ने उन्हे खदेड़ने तथा उनका सामान जब्त करने का प्रयास किया तो दुकानदारों ने टीम पर हमला बोल दिया था, इतना ही नहीं रेंजर दीपचंद और दो वन कर्मियों को पकड़कर उनकी धुनाई भी कर दी थी। जिसके बाद वन कर्मियों को अपनी सुरक्षा में हवाई फायर कर स्थिति संभालनी पड़ी थी। इस घटना के दूसरे दिन वोट की राजनीति हावी हो गई। बसपा नेता वीके अग्रवाल के अलावा सपा नेता अनीता यादव ने यहां पहुंचकर व्यापारियों से मुलाकात की। इन नेताओं ने कहा कि वन विभाग गलत कर रहा है, व्यापारियों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद सभी कोतवाली पहुंचे और अपने अपने ढंग से मामले को निस्तारित कराने का प्रयास किया। किसी तरह पुलिस कर्मियों ने उन लोगों को समझा बुझाकर मामला शांत किया।