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मेरी नैय्या में राम-लक्ष्मण, गंगा मैय्या धीरे चलो..

गोलागोकर्णनाथ (लखीमपुर) : छोटी काशी के पौराणिक शिव मंदिर के निकट स्थित नीलकंठ मैदान के प्रांगण में च

By Edited By: Published: Thu, 27 Oct 2016 09:54 PM (IST)Updated: Thu, 27 Oct 2016 09:54 PM (IST)
मेरी नैय्या में राम-लक्ष्मण, गंगा मैय्या धीरे चलो..

गोलागोकर्णनाथ (लखीमपुर) : छोटी काशी के पौराणिक शिव मंदिर के निकट स्थित नीलकंठ मैदान के प्रांगण में चल रही श्रीराम कथा के अंतिम दिन कथा व्यास प्राची साधनाश्री ने राम केवट प्रसंग सुनाकर कथा का शुभांरभ किया। 'मेरी नैय्या में राम लक्ष्मण गंगा मैय्या धीरे चलो' पंक्ति को सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद राम भरत के वन विलाप में भरत चला अपने राजा को मनाने संगीत के माध्यम के कथा का सार सुनाया। पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी अग्रवाल ने गुरु सम्मान में गुरु वंदना का अभिप्राय समझाते हुए कहा कि गुरु वचनों को संभाल के रखना एक-एक वचन में गहरा राज छुपा होता है। इसके बाद पालिकाध्यक्ष द्वारा साधनाश्री का माल्यार्पण कर मुकुट पहनाकर स्वागत अभिनंदन किया। इस मौके पर समाजसेवी वरुण अग्रवाल, मनोज श्रीवास्तव, अर¨वद मिश्रा, रामकुमार वर्मा, घनश्याम वर्मा, सुरजनलाल वर्मा, आलोक, महेंद्र, मयंक, अजय, आनंद, अर¨वद पांडेय, श्रवण मिश्रा, सुरेश शुक्ला, रेखा मिश्रा, पूनम मिश्रा, पुष्पा ¨सह, आरती, मीना शुक्ला, कौशल्या, प्रीति रस्तोगी, वीना गुप्ता, सुमन आदि लोग मौजूद रहे।


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