हत्या के मुकदमे में चार को आजीवन कारावास व अर्थदंड
लखीमपुर : हत्या व साक्ष्य मिटाने के मुकदमे में आरोप सिद्ध हो जाने अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी न्यायाधी
लखीमपुर : हत्या व साक्ष्य मिटाने के मुकदमे में आरोप सिद्ध हो जाने अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी न्यायाधीश अनामिका चौहान ने चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास व तेरह-तेरह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक कोतवाली सदर के गणेशपुर निवासी मुकदमा वादी गजराज मौर्य का बेटा सर्वेश 14 नवंबर 2007 को शाम आठ बजे घर पर डालडा फैक्ट्री में नौकरी की बात करने की बात कहकर चला गया। सुबह तक वापस नहीं आया। कोतवाली सदर में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। 29 नवंबर 2007 को सर्वेश का शव डालडा फैक्ट्री के पास मिला। विवेचना में पाया गया कि सर्वेश व अभियुक्त संजय ने साझे में मितौली में चूड़ी की दुकान खोली थी, जिसमें पैसे को लेकर झगड़ा था। संजय ने डालडा फैक्ट्री में नौकरी दिलाने की बात कहकर सर्वेश को बुलाया और अपने साथियों संदीप, सुनील व किशोरी की मदद से गन्ने के खेत ले गए। संदीप ने सर्वेश का हाथ, सुनील ने पैर पकड़ लिए व किशोरी छाती पर बैठ गया। संजय ने ईंटा से सिर पर वार करके हत्या कर दी। चारों अभियुक्तों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल हुआ। मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी न्यायाधीश अनामिका चौहान की अदालत में परीक्षण किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमा पैरवी करते हुए सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रमोद ¨सह ने मुकदमे के समर्थन में वादी गजराज, अरुण मिश्रा, डॉ. वीरेंद्र तोमर, एसआइ उदल ¨सह को गवाही में पेश किया। आरोप सिद्ध हो जाने पर न्यायाधीश अनामिका चौहान ने चारों अभियुक्तों संजय त्रिवेदी, संदीप वर्मा, सुनील एवं किशोरी लाल को आजीवन कारावास व तेरह-तेरह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।