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बंदरों के काटने से सहमे बच्चे

लखीमपुर : शहर में बढ़ रहे बंदरों ने पहले ही लोगों के लिए समस्याएं बढ़ा रखीं थीं। अब छतों पर फैले अना

By Edited By: Published: Wed, 10 Feb 2016 10:52 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2016 10:52 PM (IST)
बंदरों के काटने से सहमे बच्चे

लखीमपुर : शहर में बढ़ रहे बंदरों ने पहले ही लोगों के लिए समस्याएं बढ़ा रखीं थीं। अब छतों पर फैले अनाज खाने, कपड़े फाड़ने के बाद इन बंदरों ने लोगों को काटना शुरू कर दिया है। इसमें ज्यादातर स्कूली बच्चे हैं। स्कूल से आते-जाते या अपने माता-पिता की गोद में बैठे बच्चों को दौड़ा कर काट रहे बंदरों से बच्चों के साथ बड़ों में भी खासा भय व्याप्त है।

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बात शहर के वार्ड बड़खेरवा की है जहां बंदरों के काटने से करीब आधा दर्जन बच्चे व कुछ बड़े भी घायल हो चुके हैं। कुछ बंदरों के दौड़ने से गिर कर चोटिल हो चुके हैं। निवासियों का कहना है वन विभाग इन बंदरों को पकड़ कर जंगल भेजे। करीब एक महीने से इन बंदरों ने लोगों में काफी डर पैदा कर रखा है। इससे निवासी खासे परेशान हैं। बंदरों ने करीब एक हफ्ता पहले बड़खेरवा निवासी विनोद कुमार के चार वर्षीय बेटे अंश वर्मा को चेहरे पर कई जगह काट लिया है। जिससे वह डरा हुआ है। अंश के चेहरे पर कई जगह काटने के कारण अभी वह न तो ठीक से बोल पा रहा है न ही ठीक से खाना खा पा रहा है। पिता विनोद कुमार ने बताया कि हर रोज अस्पताल ले जाकर इंजेक्शन लगवा रहे हैं बुखार रहता है। बच्चा भी काफी डरा हुआ है। दिनेश मिश्रा की पुत्री शिवि के भी पैर में बंदर ने काटा है वह स्कूल से आ रही थी। घर की गली में बैठे बंदर ने दौड़ कर काट लिया। इसी तरह संजीव कुमार की 14 वर्षीय पुत्री रिया व दिलीप कुमार के पांच वर्षीय पुत्र अंश मुहल्ले के ही राजाराम मिस्त्री, खेत से लौट रहे अनुज इन्हें भी बंदर ने काट लिया। 55 वर्षीय इतवारी को छत पर दौड़ाया तो वे जीने से गिर गए। जिससे उन्हें काफी चोट आई है। इन सभी निवासियों ने वन विभाग से मांग की है कि इन बंदरों को पकड़वा कर जंगल में छुड़वाएं। वैसे यह स्थिति सिर्फ बड़खेरवा की ही नहीं बल्कि ईदगाह, संकटा देवी तथा रानीगंज मुहल्ले की भी है।


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