अभिभावकों ने भी मांगी बच्चों की सुरक्षा
लखीमपुर : फिल्मी अंदाज में दो छात्रों के अपहरण के बाद अभिभावक भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो
लखीमपुर : फिल्मी अंदाज में दो छात्रों के अपहरण के बाद अभिभावक भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो गए हैं। कुछ अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधकों को सुरक्षा घेरा मजबूत करने के सुझाव दिये हैं। साथ ही डीएम व एसपी से मिलकर बच्चों की सुरक्षा घेरा मजबूत करने की भी मांग उठाई है।
शहर के मुहल्ला नई बस्ती निवासी समाजसेविका बबिता घोष ने बताया कि दिनदहाड़े छात्रों के अपहरण की घटनाओं से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिये हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस-प्रशासन को ठोस कदम उठाना होगा ताकि बच्चे व उनके अभिभावक सुरक्षित रह सके। बबिता कहती हैं कि घटनाओं के बाद अब अभिभावकों की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। ऑफिसर कॉलोनी निवासी समाजसेवी रूपम तिवारी कहती हैं कि बच्चों की सुरक्षा के लिए जितनी पुलिस जिम्मेदार है उतना ही स्कूल प्रबंधन। उन्होंने बताया कि करीब छह घंटे बच्चे स्कूल में रहता है, इसके लिए उनकी जिम्मेदारी सबसे अधिक है। बच्चा स्कूल पहुंचा या फिर स्कूल क्यों नहीं आया स्कूल प्रशासन को यह काम जिम्मेदारी के साथ निभानी होगी। यदि बच्चा समय से स्कूल नहीं पहुंचा तो तत्काल परिवारीजनों को सूचित करना चाहिए। महराजनगर मुहल्ला निवासी व्यापारी अशोक तोलानी कहते हैं कि बदमाशों के हौसले इस कदर बुलंद हो गए हैं कि दिनदहाड़े बच्चों के अपहरण हो रहे हैं और पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है। पुलिस को कानून-व्यवस्था को बेहतर करना होगा। बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल प्रबंधक के साथ ही अभिभावक को भी सतर्क रहना होगा। जोड़ी बंगला निवासी प्राइवेट कर्मचारी इमरान हुसैन कहते हैं कि बच्चों की सुरक्षा इस वक्त काफी ¨चता का विषय है। बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सभी अभिभावकों को पुलिस-प्रशासन और प्रबंधक के मिलकर सार्थक बातचीत करनी चाहिए। इतना ही नहीं सबकुछ सही रहे इसके लिए सभी को मिलकर एक विशेष प्लान बनाना होगा।
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स्कूलों में सिखाए जा रहे आत्मरक्षा के गुर
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. ओपी राय ने बताया कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की आत्मरक्षा के लिए कई कार्यक्रम चलते हैं। इसमें छात्र-छात्राओं को कराटे, ताइक्वांडो आदि सिखाया जाता है। अभी हाल में ही प्राइमरी स्कूल के बच्चे थाईलैंड में प्रतिभाग करने गये हैं। स्कूलों में बच्चों की आत्मरक्षा के कार्यक्रम चलाने के लिए सभी प्रधानाचार्यों को पत्र लिखकर निर्देशित भी किया जा चुका है।
सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज की प्राचार्य शिप्रा बाजेपई कहती हैं कि स्कूल में समय-समय पर छात्राओं के लिए आत्मरक्षा की कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। हाल में ही वैदेही बालिका संस्थान ने कैंप लगाकर छात्राओं को निशुल्क ताइक्वांडो सिखाया था और पुरस्कृत भी किया था।