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सराफा के घर पुलिस की दबिश से भड़का आक्रोश, प्रदर्शन

गोलागोकर्णनाथ (लखीमपुर) : थाना हैदराबाद क्षेत्र के ग्राम जड़ौरा से बच्चे के अपहरण के मामले में एक फोन

By Edited By: Published: Thu, 27 Aug 2015 10:48 PM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2015 10:48 PM (IST)
सराफा के घर पुलिस की दबिश से भड़का आक्रोश, प्रदर्शन

गोलागोकर्णनाथ (लखीमपुर) : थाना हैदराबाद क्षेत्र के ग्राम जड़ौरा से बच्चे के अपहरण के मामले में एक फोन मैसेज ने पुलिस के सामने मुश्किलें खड़ी कर दीं। मैसेज के आने के बाद नगर की मोहम्मदी रोड के एक सराफा व्यापारी के घर दिन में पुलिस ने दी, जिसके विरोध में सराफा सहित आसपास के व्यापारियों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। वह सर्राफ के घर घुसने वाले पुलिस व गैर पुलिस के लोगों के विरुद्ध मुकदमा लिखे जाने की मांग कर रहे थे। तीन घंटे के हंगामे के बाद एसडीएम के हस्तक्षेप पर व्यापारियों का आक्रोश शांत हुआ।

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ग्राम जड़ौरा निवासी रोहन लाल ने बताया कि मंगलवार को स्कूल से वापस आकर उसका 10 वर्षीय पुत्र दिव्यांश उर्फ गोलू घर के बाहर खेल रहा था। इसके बाद अचानक वह लापता हो गया। जिस पर उसने हैदराबाद पुलिस को सूचना देकर कार्रवाई की मांग की थी। इसी बीच परिवारीजनों के मोबाइल पर एक नंबर से मैसेज मिला कि उसका पुत्र मोहम्मदी रोड पर तोताराम साइकिल वाले के पास स्थित दोमंजिला पीले रंग के मकान में बंधक है। सूचना मिलने पर उसने तत्काल पुलिस को बताया। गुडवर्क के चक्कर में पुलिस मात खा गई। बिना सर्च वारंट व महिला पुलिस के मैसेज को सटीक मानते हुए पुलिस गोला-मोहम्मदी रोड स्थित सर्राफ रामचंद्र रस्तोगी के मकान में घुस गई, लेकिन सूचना गलत होने पर पुलिस के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं। इसी बीच रस्तोगी के घर पर व्यापारी नेताओं का जमावड़ा होना शुरू हो गया। लोगों ने आसपास की दुकानें बंद कर जमकर विरोध करते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली की ¨नदा की। इसी बीच व्यापारियों ने तेवर तल्ख कर सदर चौराहे पर आकर मानव श्रंखला बनाकर जाम लगा दिया। सूचना पर एसडीएम विनोद कुमार गुप्ता, कोतवाल एके उपाध्याय, सीओ एसी श्रीवास्तव ने व्यापारियों से कोतवाली में वार्ता की और पुलिस व व्यापारी के घर जाने वाले अपह्त बच्चे के परिवार जनों के माफी के बाद माहौल शांत हुआ। एसओ हैदराबाद अजय यादव ने बताया कि अपहरणकर्ताओं द्वारा परिवारीजनों को मिली सूचना पर पुलिस ने दबिश दी। इसमें एसआइ राधेश्याम यादव, शशि चंद्र त्रिपाठी, आरक्षी व एक होमगार्ड थे। मामले में कुछ चूक रही।

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इनसेट

व्यापारियों व पुलिस के मध्य आएदिन की तनातनी को लेकर बुद्धिजीवी वर्ग ¨चतित है। वहीं संवेदनशील मामलों में पुलिस से वार्ता के बजाय सीधे सदर चौराहे पर जाम व अघोषित बंद कराने के मामले में नगर की जनता व्यापारियों के इस रवैये से आहत है कि सडकों पर स्कूल, अस्पताल अपने घरों को जाने वालों को वेवजह रास्ता जाम होने के कारण परेशान होना पडता है।


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