सर्वव्यापी है शिवशंकर की महिमा
भुईफोरवानाथ : करीब तीन सौ साल पुराना मंदिर है। शहर के रामलीला मैदान के सामने एक विशाल टीले की खोदाई
भुईफोरवानाथ : करीब तीन सौ साल पुराना मंदिर है। शहर के रामलीला मैदान के सामने एक विशाल टीले की खोदाई में निकले शिव¨लग की पूजा लोगों ने भुईफोरवाना नाथ के रूप में की। महेवा स्टेट के तत्कालीन राजाओं ने यहां विशाल मंदिर का निर्माण कराकर शिव¨लग को स्थापित किया, तब से हर शिवरात्रि व सावन के सोमवार में भगवान महादेव का भक्तों द्वारा भव्य श्रंगार करके पूजा अर्चना की जाती है।
महंत मुन्ना गिरि : मंदिर के महंत मुन्ना गिरि बताते हैं कि तीन सौ साल पुराना यह शिवमंदिर लोगों के लिए आज भी उतनी ही आस्था रखता है। हर साल सावन में यहां भक्तों का हुजूम जुड़ता है। अंतिम सोमवार को बर्फ का श्रंगार कर रात भर भक्तजन कीर्तन करते हैं यह क्रम दस वर्षों से जारी है। मुन्ना गिरि ने बताया कि सोलह वर्षों से श्रीराम कथा का आयोजन यहां किया जा रहा है। नैमिष से श्रीराजेश जी महाराज आकर सरस रामकथा स नाते हैं। मंदिर में शिव¨लग के अलावा मां दुर्गा, हनुमानजी, कार्तिकेय व भगवान गणेश जी की भी मूर्तियां हैं।
शिव सोसाइटी के अध्यक्ष : मंदिर की शिव सोसाइटी के अध्यक्ष अजय कुमार शुक्ल बताते हैं कि कमेटी मंदिर की संपत्ति की देखभाल करती है। इसके अलावा सावन माह में श्रद्धालुओं के लिए भगवान शिव के दर्शन के लिए व्यवस्था करती है। बैरिके¨टग लगाकर महिलाओं और पुरुष श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन मुहैया कराए जाते हैं। इसके अलावा सावन मास में भगवान शिव के प्रतिदिन श्रंगार की व्यवस्था भी कमेटी करती है।