हादसे के बाद रुद्रपुर गांव में मातम
ईसानगर (लखीमपुर) : कहा जाता है कि मौत कहीं चल कर नहीं आती है व्यक्ति स्वयं उसके पास चला जाता है। ऐस
ईसानगर (लखीमपुर) : कहा जाता है कि मौत कहीं चल कर नहीं आती है व्यक्ति स्वयं उसके पास चला जाता है। ऐसा ही कुछ रुद्रपुर निवासी सुनील के साथ गुरुवार को हुआ, जब घर वालों के कई बार मना करने के बाद भी सुनील स्वयं ट्रैक्टर लेकर चला गया। हादसे के बाद पूरे रुद्रपुर गांव में मातम का माहौल है।
क्षेत्र के रुद्रपुर गांव का निवासी ट्रैक्टर मालिक मालिक सुनील मौर्य खुद कभी ट्रैक्टर नहीं चलाते थे। गुरुवार सुबह ट्रैक्टर के ड्राइवर ने सुनील को रुकने के लिए कहा कि थोड़ी देर में वह खुद लेकर जाएगा, लेकिन शायद सुनील की मौत उसे खींच रही थी। कई बार घर वालों के मना करने के बावजूद भी सुनील ट्रैक्टर लेकर चल दिया। इसके बाद जो हुआ उससे पूरे गांव में मातम का माहौल है। लोग बताते हैं कि ट्रॉली में करीब साठ ¨क्वटल भूसा भरे होने से वैसे ही बैलेंस बिगड़ रहा था। कुत्ते के सामने आ जाने के बाद असंतुलित ट्रॉली को रोकने का अथक प्रयास किया गया, लेकिन ट्राली खाईं में पलट गई। इस भीषण हादसे के बाद हर ओर चीख-पुकार मची थी। हादसे का शिकार हुए लोगों के परिवारीजनों का रो-रो कर हाल बुरा हो रहा है।
इनसेट
पुलिस का मानवीय चेहरा दिखा
ईसानगर : इस भीषण हादसे के बाद ईसानगर पुलिस व ग्रामीणों का मानवीय चेहरा देखने को मिला। सूचना पाकर थानाध्यक्ष रामकुमार यादव पूरे दल बल के साथ न सिर्फ मौके पर पहुंच गए, बल्कि ट्रैक्टर के नीचे दबे शवों को निकालने के लिए काफी मशक्कत की। पुलिस के लोग खेतों में काम कर रहे ग्रामीणों को बुलाकर ट्रॉली के नीचे दबे लोगों को निकालने का प्रयास करने लगे। उधर सैकड़ों की संख्या में मौके पर मौजूद ग्रामीण भूसे के नीचे दबे लोगों को ढूंढने के लिए ट्रॉली के भूसे को खंगालने लगे। साथ ही घायलों को अपने निजी साधनों से अस्पताल ले जाने का बंदोबस्त करने में लग गए। साथ ही थानाध्यक्ष रामकुमार व उनके सहयोगियों ने घायलों व शवों को जिला मुख्यालय भेजने में जो तत्परता दिखाई लोगों में चर्चा बन गई।