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रेल टिकट को भटकता रहा युवक

लखीमपुर: रेलवे पुलिस, मित्र पुलिस आपकी सेवा में सदैव तत्पर है। इसकी एक खौफनाक बानगी सोमवार को सामने

By Edited By: Published: Tue, 05 May 2015 09:17 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2015 09:17 PM (IST)
रेल टिकट को भटकता रहा युवक

लखीमपुर: रेलवे पुलिस, मित्र पुलिस आपकी सेवा में सदैव तत्पर है। इसकी एक खौफनाक बानगी सोमवार को सामने आई। इसे देखकर लोगों के दिलों में एक कसक उठ पड़ी। रेलवे के एक सिपाही ने किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे एक मरीज व उसके परिवार को इस कदर प्रताड़ित किया कि वह डायलिसिस के लिए लखनऊ अस्पताल के लिए जा ही नहीं सका। वहीं पुलिस ने सख्त रवैया अपनाकर उसकी ट्रेनें भी छोड़वाकर अपनी गुस्से की हसरत पूरी कर ली।

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बताते चलें कि ग्राम बिजुआ निवासी प्रदीप कुमार पुत्र सुरजनलाल अपनी किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। लगभग पांच वर्षों से नियमित रूप से लखनऊ के डॉ. राममनोहर लोहिया आर्युविज्ञान संस्थान में अपना इलाज करा रहा है। सोमवार को उसे डायलिसिस के लिए लगभग तीन बजे लखनऊ पहुंचना था। ट्रेन आने से पूर्व वह अपना टिकट लेने के लिए टिकट ¨वडों पर गया। जहां पर मौजूद ‌र्क्लक ने उसके सहयोगी का टिकट बनाने से इंकार कर दिया। इस पर वह स्टेशन मास्टर के पास गया। तब स्टेशन मास्टर ने लिपिक से उसका टिकट बनाने के लिए निर्देशित किया। बीमारी व कमजोरी प्रदीप खिड़की के पास दीवार के सहारे खडे़ होकर टिकट ले रहा था। उसी समय रेलवे पुलिस का एक सिपाही राजेश ¨सह आया और उससे लाइन में लगने के लिए पीछे ढकेलने लगा। इस पर प्रदीप का साला आ गया और उसने सिपाही से बीमारी की बात बताने की कोशिश की, लेकिन सिपाही ने कुछ नहीं सुना और ताव खाकर दोनों को पकड़कर घसीटने लगा। उसी समय प्रदीप का भाई अनुज भी आया और उसने भी बात करने की कोशिश की, लेकिन रेलवे के सिपाही ने तीनों को घसीटते हुए पार्सल आफिस ले गए। जहां पर मौजूद टीटी सुजीत कुमार से तीनों के चालान कर फर्जी आरोप लगाने का प्रयास करने लगा। बात बढ़ती गई। इसी बीच प्रदीप की पत्नी सिपाही से हाथ जोड़कर पैरों को पकड़कर मन्नत करती रही, ¨कतु वर्दी के रौब में आक्रोशित सिपाही ने उसकी एक न सुनी और स्टेशन पर बैठा दिया। एक के बाद दूसरी ट्रेन लखनऊ के लिए निकलती रही, ¨कतु रेलवे सिपाही राजेश ¨सह व चौकी इंचार्ज राजकुमार ¨सह ने मामले को मोड़ते हुए उक्त लोगों द्वारा उनके बच्चों पर प्लेटफार्म पर साइकिल लाने का आरोप जड़ते हुए अपनी कुत्सित मंशा उजागर कर दी। इसके चलते पीड़ित व उसके परिजन इलाज के लिए लखनऊ जा ही नहीं सके। पीड़ित ने उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई किए जाने की मांग की। इस बावत दारोगा राजकुमार ¨सह ने बताया कि मरीज के साथ मौजूद लोगों ने सिपाही से ऊंची आवाज में बात की। वह उनके द्वारा प्लेटफार्म पर साइकिल लाई गई।


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