दुर्घटना को दावत दे रहा बदहाल हाईवे
लखीमपुर : इसे राहगीरों की बदकिस्मती कहा जाए या फिर विभागीय लापरवाही फिलहाल पीलीभीत-बस्ती नाम के इस ह
लखीमपुर : इसे राहगीरों की बदकिस्मती कहा जाए या फिर विभागीय लापरवाही फिलहाल पीलीभीत-बस्ती नाम के इस हाइवे पर निकलना आसान नहीं है। कहने को इस सड़क की मरम्मत आएदिन हुआ करती है लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहता है। अभी हाल ही में बनी इस सड़क की मरम्मत कई बार हो चुकी है फिर भी इसकी दशा बद से बदतर होती जा रही है। कारण यह है कि मरम्मत के नाम पर महज खानापूर्ति ही की जाती है।
पीलीभीत-बस्ती मार्ग पर लखीमपुर से फरधान के बीच की करीब 15 किमी सड़क पूरी तरह से गड्ढों में बदल चुकी है। इसलिए आएदिन यहां हादसे हुआ करते हैं। अभी सप्ताह भर पहले इसी मार्ग पर गड्ढे को बचाकर निकलने के चक्कर में गोला कोतवाली क्षेत्र के रहमतनगर गांव का एक ट्रैक्टर ट्रॉली जो मुंडन करवाकर लौट रहा था, मनिकापुर भट्ठा के पास पलट गया था। जिसमें करीब दर्जन भर से अधिक महिलाएं और बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अभी कुछ महीने पहले ही इसी मार्ग पर फरधान नहर पुल के पास शिक्षिका उमा वर्मा की मौत का कारण भी खराब सड़क ही बनी थी। कई बार जागरण द्वारा इसकी खबरें प्रमुखता से प्रकाशित करने पर कुंभकर्णी नींद से जागे प्रशासन ने इसकी मरम्मत तो शुरू करवा दी है, लेकिन किस तरह से मरम्मत हो रही है इसका अंदाजा तो सड़क के मरम्मत कार्य को देखने से ही चल जायेगा। एक तरफ मरम्मत हो रही है और दूसरी ओर पास ही के गड्ढे भी बरकरार हैं। फरधान रेलवे क्रा¨सग के करीब बीस मीटर के आसपास तो इतने गड्ढे हो गये हैं कि यहां से तो पैदल चलने वालों को बचकर ही निकलना पड़ता है।
लखीमपुर-गोला के बीच की करीब 35 किमी के इस हाइवे का निर्माण दो अलग अलग ठेकेदारों द्वारा कुछ वर्ष पहले ही कराया गया था। जिसने गोला से धौरहरा खुर्द गांव तक की सड़क बनवाई थी उसने तो पूरी सड़क पर एक पर्त तारकोल की डालकर मरम्मत करवा दी है, जिससे यहां की सड़क तो ठीक हो गई है लेकिन जिसने धौरहरा खुर्द से लखीमपुर तक की सड़क बनवाई थी वह टूटी सड़क की मरम्मत करने के नाम पर महज खानापूर्ति ही करवा रहा है। इसके अलावा क्षेत्र में अन्य सड़कों ही हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। इसमें लखीमपुर से नकहा पिपरी होते हुए अलीगंज तक जाने वाली सड़क का निर्माण करीब दो साल से हो रहा है। ठेकेदार ने निर्माण करवाने के लिए सड़क खोदवा तो डाली लेकिन समय से निर्माण न होने पाने से साल भर से भी अधिक समय से राहगीर इसी पथरीली सड़क पर ही निकलने को विवश हो रहे हैं। लखीमपुर मोहम्मदी मार्ग से भदूरा के पास से नीमगांव होते हुए बेहजम और फिर कस्ता तक जाने वाली सड़क काफी समय से खराब है। इसके निर्माण के लिए काफी समय से काम शुरू है लेकिन सड़क खोदने के बाद निर्माण अभी तक पूूरा न होने से राहगीरों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। पीलीभीत-बस्ती मार्ग से फरधान के धौरहरा गांव के पास से मूड़ा बुजुर्ग होते हुए लखीमपुर मोहम्मदी मार्ग तक जाने वाली सड़क बीसों साल से गड्ढों में तब्दील हो चुकी है लेकिन अभी तक विभाग ने इसको बनवाने की जरूरत नहीं समझी है। लखीमपुर गोला रोड से करनपुर रजागंज के पास से द्वारिका नगर, सियाथू,, तुलसीपुर, बेलबूढ़ी,परसेहरा बुजुर्ग, जगन्नाथपुर होते हुए रतसिया तक जाने वाली सड़क का निर्माण करीब दो साल से चल रहा है निर्माण के नाम पर पहले तो सड़क को खोद कर डाल दिया गया। इसके बाद काफी समय तक काम बंद रखा गया फिर पत्थर डाल दिये गये। निर्माण कार्य इतनी धीमी रफ्तार से किया जा रहा है कि थोड़ी सी सड़क का निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हो सका है। फरधान कस्बा होते हुए उदयपुर, करनपुर, नकहा पिपरी होते हुए सुंदरवल तक जाने वाली सड़क कई साल से जर्जर हालत में है।