लक्ष्य निर्धारित करें और अपनी खूबियां पहचानें
लखीमपुर : सभी को अपना उदाहरण खुद बनना होगा। अपने सीखने का तरीका सकारात्मक बनाना होगा। माता-पिता पर
लखीमपुर : सभी को अपना उदाहरण खुद बनना होगा। अपने सीखने का तरीका सकारात्मक बनाना होगा। माता-पिता पर गर्व करना सीखना होगा। जब ऐसा नहीं सीखेंगे तब तक कॅरियर की ऊंचाइयों पर पहुंचना कठिन है। अत: अपने व्यक्तित्व में सकारात्मक गुणवत्ता की वृद्धि करें।
यह विचार स्टेट कॅरियर काउंसलर डॉ.डीके वर्मा ने महाविद्यालय के कॅरियर काउंसिलिंग कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। वह महाविद्यालय के मल्हार के अंतर्गत छात्राओं की काउंसिलिंग कर रहे थे। प्राचार्या डॉ. निरुपमा अशोक की अध्यक्षता में कॅरियर काउंसिलिंग सेल के तत्वावधान में युवाओं के कॅरियर एवं व्यक्तित्व निर्माण में परिवार की भूमिका विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कॅरियर काउंसिलिंग सेल प्रभारी डॉ.सुरचना त्रिवेदी ने कार्यशाला का संयोजन व संचालन करते हुए अतिथियों का परिचय दिया।
सर्वप्रथम डॉ.एससी मिश्रा ने विषय प्रवर्तन किया। उन्होंने लक्ष्य निर्धारण, अभिप्रेरणा, स्वाध्याय, अपनी विशिष्टता पहचानने जैसे बिंदुओं पर चर्चा की। बरेली से आए प्रोफेसर अगम दयाल ने बॉडी लैंग्वेज अर्थात देह भाषा के अनेक पहलुओं को प्रयोगात्मक रूप से समझाया। उन्होंने बताया कि हाथ मिलाना, साक्षात्कार के समय वेशभूषा बैठने का तरीका हमारे व्यक्तित्व का परिचायक है।
नूरमंजिल लखनऊ के मनोचिकित्सा केंद्र की चिकित्सक मनोवैज्ञानिक डॉ. अंजली गुप्ता ने मानसिक स्वास्थ्य, माता पिता द्वारा पालन-पोषण तथा स्ट्रेस मैनेजमेंट पर पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य के लिए अनेक टिप्स दिए। कार्यशाला का विशेष आकर्षण छात्राओं की माताएं रहीं, जिन्होंने काउंसिलिंग का लाभ उठाया।