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बाटम. खाद के लिए भटक रहे किसान

लखीमपुर : किसान हितैशी होने का ढिंढोरा पिटने वाली सरकारों के दावों की जमीनी हकीकत देखनी है तो निघासन

By Edited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 09:03 PM (IST)Updated: Tue, 25 Nov 2014 09:03 PM (IST)
बाटम. खाद के लिए भटक रहे किसान

लखीमपुर : किसान हितैशी होने का ढिंढोरा पिटने वाली सरकारों के दावों की जमीनी हकीकत देखनी है तो निघासन तहसील आइए। जहां किसानों के साथ धान बेचने से लेकर खाद खरीदने तक हर जगह उसका शोषण हो रहा है। वहीं किसान लाही व गेहूं की बोआई में प्रयोग की जाने वाली खादों के लिए दर-दर भटक रहे हैं। सरकारी समितियों पर खाद न मिलने के कारण उसे अधिक दामों पर प्राइवेट दुकानों से खाद खरीदनी पड़ रही है।

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मालूम हो कि धान बेचने के लिए दर-दर की ठोंकरे खा चुके क्षेत्र के किसान की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, क्योंकि औने-पौने दामों पर धान बेचने के बाद गेहूं व लाही के बोआई की चिंता खाए जा रही है। लाही व गेहूं की बोआई के लिए खेत भी तैयार हो चुके हैं, लेकिन किसानों को जरूरत के समय सरकार यूरिया, डीएपी, एनपीके तथा जिप्सम आदि खाद के लिए क्षेत्र की खाद समितियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। सरकारी समितियों पर खाद न होने के कारण प्राइवेट खाद की दुकानों से नकली सुपर फॉस्फोरस, यूरिया, डीएपी आदि बाजार से दुगने दामों पर खरीद कर बोआई करने को किसान विवश हैं। इस संबंध में एडीओ शंकर लाल ने बताया कि क्षेत्र में खाद की जो दिक्कत है, वह शीघ्र समाप्त हो जाएगी। खाद एक दो हफ्तों में आनी वाली है। तहसीलदार रामऔतार ने बताया कि खाद के लिए किसानों को समितियों द्वारा अगर परेशान किया गया तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। प्राइवेट दुकानों पर मूल्य से अधिक दर पर खाद बिकने व नकली की अगर शिकायत मिली तो दुकान के लाइसेंस को निरस्त किए जाने की कार्यवाही की जाएगी।


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