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गरीबी मुस्करा भर दे तो सूरज कांप जाता है

लखीमपुर : समिति के तत्वावधान में कुलदीप श्रीवास्तव के संयोजन व राजकिशोर पांडेय प्रहरी की अध्यक्षता म

By Edited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 08:59 PM (IST)Updated: Tue, 25 Nov 2014 08:59 PM (IST)
गरीबी मुस्करा भर दे तो सूरज कांप जाता है

लखीमपुर : समिति के तत्वावधान में कुलदीप श्रीवास्तव के संयोजन व राजकिशोर पांडेय प्रहरी की अध्यक्षता में वैभव इंक्लेव में रमाकांत पटेल के आवास पर मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। नवल सुधांशु के संचालन में संपन्न सारश्वत कार्यक्रम में अभिषेक ने मां वीणा वादिनी के स्तवन के उपरांत गौमाता का बखान करते हुए कहा 'एक सींग पर ही करती संपूर्ण धरा का भार वहन गौ मां तेरे चरणों में है सेवक का सौ बार नमन'। कुलदीप श्रीवास्तव समर ने कहा 'मातृ भूमि के कारण ही हमने चुन्नी तलवारे है इसीलिए कविता में मेरी शोले और अंगारे हैं।' राजकिशोर पांडेय प्रहरी ने मोदी की शान में कहा 'भारतीय संस्कृति की पहचान है मोदी, राष्ट्रवाद के प्रखर दिनमान है मोदी'। अंकित काव्यांश ने कहा 'दिए की जिद को यदि झोंका हवा का भांप जाता है तो तूफानों का रेला भी रास्तानाप जाता है पसीने में छुबोयी दोपहर उसने मैं तब समझा गरीब मुस्करा भर दे तो सूरज कांप जाता है।' गीतकार ज्ञान प्रकाश आकुल ने कहा 'जुगनू बन बैठे हैं सूरज, इतनी धोखाधड़ी गलत है बढ़े दशरथ भटक रहे हैं वनवासों में।' ज्ञानेंद्र शुक्ल ने कहा 'नहीं तुमसे शिकायत है न कोई है जमाने से। जिंदगी दांव लगती है'। मेजबान रमाकांत पटेल ने कहा 'बूंद कैसी हो कहीं हो सिंधू की संतान है। जनता जग है इसे कोई नहीं अंजान है।'


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