संविदा सफाईकर्मी करेंगे आंदोलन
लखीमपुर: साढे़ तीन माह में भी जिले के स्थानीय निकायों के तहत कार्यरत संविदा सफाई कर्मियों के वेतन मे
लखीमपुर: साढे़ तीन माह में भी जिले के स्थानीय निकायों के तहत कार्यरत संविदा सफाई कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी न होने से न केवल उनमें असंतोष है, बल्कि उन्होंने अपनी उपेक्षा से नाराज होकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन का भी मन बनाया है।
मुख्यमंत्री की घोषणा व जिलाधिकारी के आदेशों के बावजूद शासन को प्रस्ताव न भेजने पर नाराज संविदा कर्मियों का कहना है कि सचिव नगर विकास ने वेतन पुनरीक्षण का शासनादेश 31 जुलाई को ही जारी किया था पर अभी तक इसे लेकर स्थानीय निकायों ने मौन साधा है। इसके चलते वह आंदोलन की राह पर हैं। मालूम हो कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ में 26 नवंबर 2013 को सफाई कर्मियों की एक रैली में घोषणा की थी कि प्रदेश के स्थानीय निकायों में काम करने वाले संविदा सफाई कर्मियों को नियमित सफाई कर्मचारियों की तरह ही वेतन, फंड तथा अन्य सुविधायें दी जाएंगी, लेकिन लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को मिली करारी हार के बाद मुख्यमंत्री की यह घोषणा प्रदेश में कमजोर पड़ गई। हालांकि इस मामले में जिलाधिकारी के आदेशों के बाद स्थानीय निकाय प्रभारी ने बैठके करके हर नगर पालिका परिषद के अधिशाषी अधिकारी को निर्देश जारी किए थे। जिसके चलते पलिया कलां, गोलागोकर्णनाथ, नगर पंचायत सिंगाही, धौरहरा की बैठकों में प्रस्ताव के बाद शासन ने स्वीकृति भी दे दी, पर लखीमपुर, मोहम्मदी, ओयल, बरबर व मैलानी की नगर पंचायतों में बैठकों के बावजूद कोई प्रस्ताव तक नहीं भेजा गया। सफाई मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष हरिप्रसाद बाल्मीकि का कहना है कि इससे संविदा सफाई कर्मियों को प्रतिदिन 10 हजार रुपये का नुकसान हो रहा है। जिले में कुल 700 से ज्यादा सफाई कर्मचारी हैं जिलाध्यक्ष हरिप्रसाद वाल्मीकि का कहना है कि मजदूर संघ के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष हरीप्रसाद वाल्मीकि के नेतृत्व में संगठन जिन पालिकाओं में वेतन पुनरीक्षित का प्रस्ताव पास नहीं होगा उसमें चरण वह तरीके से आंदोलन होगें तथा बाल्मीकि इस मामले का संज्ञान मो.आजम खां मंत्री नगर विकास उप्र सरकार से स्वयं मिलकर करायेंगे।