हुजूर कोई तो लगाए किशोरों की गति पर विराम!
लखीमपुर : नियमों की परवाह न ट्रैफिक पुलिस का डर। लाइसेंस की जरूरत न तो घरवालों की फिक्र जी हां, कुछ
लखीमपुर : नियमों की परवाह न ट्रैफिक पुलिस का डर। लाइसेंस की जरूरत न तो घरवालों की फिक्र जी हां, कुछ ऐसी ही बेपरवाही से शहर के सैकड़ों किशोर हर रोज सड़कों पर फर्राटा भरते हैं। बाइक या स्कूटी पर एक या दो नहीं तीन-तीन छात्र भी बैठे तो हैरत नहीं। बात अगर इतनी भर भी हो तब भी घरवालों की मुश्किलें नहीं बढ़तीं लेकिन राह चलते ये किशोर 4जो स्टंट करते चलते हैं उसे देख कर राहगीरों का कलेजा कांप जाता है पर ये सारा कुछ परिवहन विभाग या टै्रफिक पुलिस वालों को नहीं दिखता।
कक्षा में बेहतर नंबर लाने या जन्मदिन पर बच्चों को गाड़ी उपहार में देने के चलन ने किशोरों की जिंदगी में खतरे को दस्तक दे दी है। टीवी और फिल्मों पर दिखाए जाने वाले स्टंट अब किसी भी रोड पर शहर में आम बात बनती जा रही है। स्कूल कालेजों की छुटटी के वक्त ऐसे एक दो नहीं बल्कि तमाम नजारे आपको देखने को मिल जाएंगे। जिनसे जिम्मेदारों ने नजरें फेर रखी हैं। दिलचस्प है कि ऐसे किशोरों को लाइसेंस की कोई परवाह नहीं होती और पुलिस का डर इनको छू कर नहीं गुजरता। पीलीभीत-बस्ती हाईवे और लखीमपुर -सीतापुर रोड पर बने कानवेंट स्कूलों के बच्चे इस दौड़ में सबसे आगे हैं। कालेज से छुटटी होते ही ये किशोरवय छात्र सड़कों पर फर्राटा भरने लगते हैं। साथ ही इनके बीच शुरू हो जाता है स्पीड का खेल। चमचमाती बाइक पर तीखा सायरन हर किसी को हैरत में डाल देता है पर किसी के जिगर के इन टुकड़ों पर कोई असर नहीं पड़ता। स्टंट और सेल्फी के बढ़ते चलन ने किशोरों पर ये खतरनाक जादू कर रखा है।
इनसेट:::: क्या कहते हैं जिम्मेदार
किशोरों को बाइक या स्कूटी चलाने से पहले लाइसेंस के मुददे पर एआरटीओ प्रवर्तन संजीव गुप्ता कहते हैं कि विभाग ऐसे टीनएजर्स के खिलाफ अभियान शुरू हो चुका है। कुछेक चालान भी किए गए हैं लेकिन अभिभावकों को भी इस ओर ध्यान देकर प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।
इस बावत सीओ ट्रैफिक अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि पहली नवंबर से यातायात सप्ताह शुरू हो रहा है। जिसमें इस बार इसी पर फोकस किया जाएगा।