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मुख्य सचिव के सामने भी उठी एमडीएम की समस्या

लखीमपुर : विद्यालयों में बच्चों को दिये जाने वाले एमडीएम व्यवस्था बेदम हो चुकी है। स्कूल में बनने व

By Edited By: Published: Sat, 18 Oct 2014 08:52 PM (IST)Updated: Sat, 18 Oct 2014 08:52 PM (IST)
मुख्य सचिव के सामने भी उठी एमडीएम की समस्या

लखीमपुर : विद्यालयों में बच्चों को दिये जाने वाले एमडीएम व्यवस्था बेदम हो चुकी है। स्कूल में बनने वाले भोजन की गुणवत्ता एवं अनेक अनियमितताओं को लेकर मामला मुख्य सचिव आलोक रंजन तक पहुंच गया है। इसके चलते मुख्य सचिव ने शुक्रवार को बेसिक व माध्यमिक के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं। उन्होंनें व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिये 31 दिसंबर तक का समय दिया है।

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उन्होंने विद्यालयों में निर्धारित मीनू के अनुसार व नियमित गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश दिये हैं। उन्होंने एमडीएम के बाबत मिल रही शिकायतों का हवाला देते हुये टास्क फोर्स से एमडीएम का निरीक्षण कराने के लिये कहा है। स्कूलों में प्रबंध समितियों की भागीदारी बढ़ाने और सक्रिय बनाने हेतू उनको प्रशिक्षण देने की सलाह दी है। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने शौचालय विहीन विद्यालयों में 31 शौचालय निर्माण कार्य व एमडीएम को सुधारने के लिये 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बेसिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाये जाने पर एक फरमान जारी किया है। उन्होंने विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता के बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी व संसाधनों के समंवयक द्वारा आवंटित निरीक्षण लक्ष्य के अनुसार निरीक्षण आख्या भेजने पर जोर दिया है।


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