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धनुष टूटते ही दौड़ी हर्ष की लहर

जासं, लखीमपुर : मिथिला के राज दरबार में भगवान शिव का धनुष टूटते ही हर्ष की लहर दौड़ गई। अयोध्या के रा

By Edited By: Published: Mon, 29 Sep 2014 10:50 PM (IST)Updated: Mon, 29 Sep 2014 10:50 PM (IST)
धनुष टूटते ही दौड़ी हर्ष की लहर

जासं, लखीमपुर : मिथिला के राज दरबार में भगवान शिव का धनुष टूटते ही हर्ष की लहर दौड़ गई। अयोध्या के राजकुमार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपने तीनों अनुजों के साथ मुस्करा रहे थे। आकाश से देवी-देवता पुष्पों की वर्षा करने लगे और पूरा दरबार गगन भेदी नारों एवं श्रीराम के जयघोषों से गूंजने लगा। राजा जनक के दरबार से नगर भ्रमण कर निकली श्रीराम की भव्य बारात को देखने एवं स्वागत को उत्सुक असंख्य भीड़ उमड़ पड़ी। मिथिला कुमारी सीता अपनी तीनों बहनों के साथ प्रसन्न मुद्रा में थीं। श्रीराम के साथ अयोध्या नरेश महाराजा दशरथ, मिथिला के राजा जनक, गुरु वशिष्ट गुरु विश्वामित्र, अयोध्या के प्रमुख सेनापति आर्य सुमंत के अलावा सभी गणमान्य ऋषि मुनि इस भव्य बारात की शोभा बढ़ा रहे थे। सोमवार की देर शाम लखीमपुर की ऐतिहासिक रामलीला में इसी दृश्य का भावपूर्ण मंचन किया गया। शहर के प्रमुख मार्गो से गुजरी प्रभु श्रीराम की बारात का जगह-जगह स्वागत एवं आरती उतारी गई। सदर चौराहे पर खत्री युवा मंडल ने तो बारात पर पुष्प वर्षा की, उसका जोरदार स्वागत व पूजन अर्चन भी किया।


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