घाघरा ने शुरू किया कटान, 42 घर धारा में समाए
लखीमपुर : पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के बाद नदियों में बढ़ा जलस्तर घटने से कटान ने तेजी पकड़ ली है। धौरहरा क्षेत्र में घाघरा का जलस्तर घटते ही कटान तेज हो गया है। देखते ही देखते घाघरा नदी ने 42 घरों को लील लिया है, जबकि फूलबेहड़ क्षेत्र में शारदा नदी का जलस्तर कुछ घटने के बाद नदी ने कृषि भूमि व जंगल क्षेत्र के हरे-भरे पेड़ों को अपना निवाला बनाना शुरू कर दिया है। इससे लोगों में हड़कंप मचा है। सैकड़ों बीघे एक धान की फसलें बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई हैं।
धौरहरा संवादसूत्र के मुताबिक कोतवाली क्षेत्र के सुजानपुर गांव में घाघरा नदी ने कटान शुरू कर दिया है। बुधवार को मिली सूचना के मुताबिक सुजानपुर के मजरा निंबियापुरवा में 42 घर नदी में कट गए थे। मौके पर गए एसडीएम ने नदी किनारे रह रहे लोगों को किनारा छोड़ देने को कहा है। क्षेत्र में बाढ़ व जलभराव की समस्या से राहत मिली है, लेकिन चढ़ने के बाद उतर रही नदियां कटान करने लगी हैं। शारदा नदी ने भी जहां जंगल नंबर तीन, चहमलपुर और समदहा गांवों में कटान किया है वहीं घाघरा नदी इस मामले में ज्यादा आक्रामक हो गई है।
बुधवार को आई खबर के मुताबिक सुजानपुर ग्राम पंचायत के मजरा ग्राम निंबियापुरवा में कालिका, रामू, बृजमोहन, राधेश्याम, भगौती, भरोसे, मायाराम, गोकरन, बाबूराम, अवधराम आदि 42 ग्रामीणों के घर नदी में समा गए। कटान लगातार जारी है। एसडीएम धौरहरा विनोद गुप्ता ने क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक को बेघर हुए लोगों को ग्राम पंचायत अथवा सीलिंग की सुरक्षित जगह पर बसाने के आदेश दिए हैं। कटान के हालात देख कर लौटे एसडीएम ने चेतावनी जारी कर नदी किनारे रह रहे लोगों से किनारा छोड़ कर सुरक्षित स्थान पर आने की अपील भी की है।
फूलबेहड़ संवादसूत्र के मुताबिक शारदा नदी की बाढ़ का कहर अभी थमा भी नहीं कि नदी ने कटान शुरू कर दिया है। इसमें लोगों की कृषि भूमि, घर व जंगल भी कट रहा है। कटान का रूप देखकर लोगों को अपनी फसलों की चिंता होने लगी है, जबकि बाढ़ का पानी कम पड़ने के बाद बुधवार को फिर तेजी से बढ़ने लगा है। फूलबेहड़ क्षेत्र में शारदा नदी का कहर हर साल लोगों को सताता है। इस बार भी नदी की बाढ़ से लोगों को काफी नुकसान हुआ है। नदी का पानी कम पड़ गया था, जिससे लोगों ने सुकून महसूस किया था, लेकिन बुधवार को एक बार फिर पानी बढ़ने से लोग चिंतित हो उठे हैं। उधर नदी ने कटान करना शुरू कर दिया है। चकलुआ, टपरा, राघवपुरी, जमुनिहा वन ब्लाक, शंकरपुरवा, बेचनपुरवा आदि जगहों पर कटान में जमीनें समा रही हैं। सुनील की 2 एकड़ धान, कोलई का ढाई बीघा धान, बद्री का ढाई बीघा परवल, सदरी का दो बीघा परवल, चंद्रिका यादव का छह बीघा गन्ना, किसुन का एक एकड़ खेत नदी में कट चुका है। जमुनिहा वन ब्लाक में करीब तीन एकड़ जंगल नदी में बह गया है, जिसमें अर्जुन व शीशम के पेड़ लगे थे। वन रक्षक जोगिंदर सिंह ने बताया कि नदी जंगल की तरफ तेजी से कटान कर रही है। नदी का कटान देखकर लोग एक बार फिर चिंतित हो रहे हैं।