बीडीओ व ग्राम प्रधान समेत पांच पर मुकदमा दर्ज
(लखीमपुर) : न्याय की आस में वर्षो से भटक रहे आरटीआइ आवेदक जीत के करीब पहुंच गए हैं। न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद आखिर पुलिस ने दोषी पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।
मामला विकास खंड सदर की ग्राम पंचायत कैमहरा का है। इस ग्राम पंचायत के मजरा नयागांव निवासी अनुज शुक्ला ने आरटीआइ के तहत बीडीओ सदर से करीब दो साल पहले ग्रामसभा में कराए गए विकास कार्यो का ब्यौरा मांगा था। पहले तो विकास खंड सदर के पंचायत सेक्रेटरी ने बिना सूचना दिये ही आवेदक के फर्जी हस्ताक्षर करके कालम पूरा कर लिया था। जब आवेदक ने उच्चाधिकारियों से इसकी शिकायत की तो उसको जो सूचनाएं मिली उनमें सरकारी धन के दुरुपयोग का खुलासा हुआ। इस पर आवेदक अनुज शुक्ला ने न्यायालय से आरोपी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। जिसपर सीजेएम ने बीती दस जून को खंड विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। न्यायालय के आदेश के अनुपालन में पुलिस ने शनिवार को खंड विकास अधिकारी सदर, सहायक विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी बृजेंद्र अवस्थी, ग्राम प्रधान कैमहरा रमेशचंद गुप्ता व पंचायत मित्र अमित सिंह के खिलाफ सरकारी धन का दुरुपयोग करने की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। थानाध्यक्ष फरधान बृजेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जांच की जा रही है। दोषी लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी सदर केएन चौबे ने बताया कि उनके संज्ञान में मामला नहीं है।
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मेडिकल व्यवसायी व ज्वैलरी दुकान चलाने वालों ने भी किया मनरेगा में काम
फरधान : आरटीआइ से जो सूचनाएं मिली हैं उनके अनुसार ग्राम प्रधान कैमहरा के परिवार के उन लोगों ने भी मनरेगा के तहत तालाब खोदने का काम किया है जिन्होंने अपने खेत में भी शायद फावड़ा नहीं चलाया होगा। ग्राम प्रधान द्वारा किया गया यह फर्जीवाड़ा क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है। प्रधान के परिवार के कई सदस्य जिनके पास कस्बे में मेडिकल व ज्वैलरी आदि की दुकानें हैं वे भी मनरेगा में काम करते दिखाये गये हैं।