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उतरने लगा बाढ़ का पानी, तबाही की आशंका

By Edited By: Published: Fri, 25 Jul 2014 11:47 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jul 2014 11:47 PM (IST)
उतरने लगा बाढ़ का पानी, तबाही की आशंका

पलिया कलां: इलाके में बाढ़ का पानी उतरने लगा है, लेकिन इसके साथ ही कटान का खतरा मंडराने लगा है। खजुरिया क्षेत्र के कई गांव नदी कटान की जद में है। जबकि निघासन में भी हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं। कई संपर्क मार्गो पर बाढ़ का पानी अब भी बह रहा है। भले ही शारदा व सुहेली नदियां शांत हों, लेकिन उससे बाढ़ की विनाशलीला पर लगाम नहीं लग पाया है। बाढ़ पीड़ित हाहाकार मचा रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों के कानों तक उनकी आवाज शायद पहुंच नहीं पा रही है।

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खजुरिया: सिंचाई विभाग की लापरवाही से ट्रांस शारदा क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांव और सरकारी इमारतें नदी में समा चुकी है। कटान का सिलसिला अब भी जारी है। बाजार घाट की भूमि को नदी द्वारा निगला जा रहा है। यहां के दो घर नदी में समा गए है। ग्रामीण कटान से भय से घरों को उजाड़कर पलायन करने में जुट गए हैं। पीलीभीत का ट्रांस शारदा क्षेत्र के 12 गांवों को सरकार द्वारा कालोनाइजेशन योजना के अंतर्गत 1960-61 में बसाया गया था। जिसमें सिद्घनगर, शास्त्रीनगर, नेहरूनगर, भरतपुर, अशोक नगर, चंदनगर, रामनगर, मुरौनिया, गांधी नगर, शांतिनगर, आजाद नगर, राणा प्रताप नगर, गौतमनगर, विजयनगर, सवेदिया राजनगर, विनोवा नगर, भगवानपुरी, बाजार घाट और राघवपुरी आदि प्रमुख हैं। शारदा नदी द्वारा द्वारा 1992 से अब तक भरतपुर, अयोध्यानगर, अशोकनगर, शास्त्रीनगर, हजारा, आजादनगर, बिनोवानगर, राजनगर, शारदापुरी, घाघर घाट, भगवानपुरी, बाजार घाट और राघवपुरी को निगल चुकी है। इधर इस वर्ष भगवानपुरी से बाजार घाट नं दो में बसे ग्रामीणों को भी कटान का खतरा सताने लगा है। यहां दो दिनों से द्वारा नदी कटान किया जा रहा है। गुरूवार को दलवीर सिंह, करनैल सिंह, कुलवंत सिंह की जमीन नदी ने निगल ली। जरनैल सिंह, छिंदर सिंह, जसविंदर सिंह, मलकीत सिंह, सुखदेव सिंह, भगवान सिंह, जमुना प्रसाद और रामजी अपना छप्पर पोश घर उजाड़ चुके है। कटान के भय से किसान इंदिरानगर और महंगापुर में अपने रिश्तेदारों के यहां सामान सहित चले गए है।

अब तक कोई भी कटान पीड़ितों का हाल चाल लेने तक को नहीं पहुंचा है।

निघासन: बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यह सिलसिला पांच दिनों से जारी है। बाढ़ का पानी भरा होने से संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। बरोठा ग्राम जाने वाले मार्ग पर पुलिस ध्वस्त हो चुकी है। यहां पर चार फिट तक पानी बह रहा है जिससे आवागमन बंद है। पूर्व में ग्रामीणों ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए सांसद अजय मिश्र टेनी से रपटा पुल बनवाने की मांग की थी। विधायकी कार्यकाल मे रपटा पुल मन्जूर करा दिया और उसका शिलान्यास कर दिया इतना ही इसकी लागत 24 लाख रूपये भी रिलीज कर दिया गया। परंतु ठेकेदार की लापरवाही के कारण रपटा पुल का निर्माण नही हो सका जिस कारण आज फिर से इलाके के बाशिंदों का संपर्क निघासन से कट गया है। इन जगहों पर आवागमन के लिए तहसील प्रशासन द्वारा नाव की व्यवस्था भी नहीं करवाई गई है।


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