दो वक्त की रोटी को अपनों ने भेजा गैरों की चौखट
लखीमपुर, जिले के गोला क्षेत्र में एक बारह वर्षीय बालिका की दुख भरी दास्तान सुन किसी का भी कलेजा मुंह को आ जाएगा। दो साल पहले इस बालिका के माता-पिता की मौत के बाद उसके अपनों के नाम पर चाचा-चाची ही बचे। इन लोगों ने बालिका पर तरह-तरह के जुल्म करते हुए उसे दो वक्त की रोटी के लिए भीख तक मांगने को मजबूर कर दिया। फिलहाल यह बच्ची चाइल्ड लाइन के जरिये महिला अल्पावास गृह में संरक्षण पा रही है।
यह मामला गोला थाना क्षेत्र के एक गांव का है। बालिका के चाचा एक कोल्हू पर मजदूरी करते हैं। बालिका के माता पिता की मौत के बाद चाची ने बालिका को भीख मांग कर लाने पर ही भोजन देने की बात कही। मना करने पर उसे मारापीटा भी। मजबूरन बालिका को लोगों के घर-घर जाकर भीख मांगनी पड़ी। इसके बाद भी उसकी समस्याएं कम नहीं हुई। बालिका के मुताबिक चाची उसे भरपेट भोजन भी नहीं देती थी। परेशान होकर बालिका भीख मांगने निकली, लेकिन फिर लौट कर घर नहीं पहुंची। मोहम्मदी में बालिका को भीख मांगते देख कर कुछ लोगों ने चाइल्डलाइन को सूचना दी। इस पर चाइल्डलाइन की टीम मौके पर पहुंची और बालिका को लखीमपुर ले आई। चाइल्डलाइन ने बालिका को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। समिति ने बालिका को महिला अल्पावास गृह में संरक्षण दिलाया है। बाल कल्याण समिति के सदस्य हरि प्रसाद मिश्र ने इस संबंध में थानाध्यक्ष गोला और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने थानाध्यक्ष से 15 दिन के अंदर पूरे प्रकरण की जांच कर आख्या सहित रिपोर्ट मांगी है। महिला अल्पावास गृह की अधीक्षिका राधा गुप्ता ने बताया कि बालिका का प्रवेश कस्तूरबा गांधी विद्यालय में कराया जाएगा, ताकि बालिका शिक्षित होकर स्वावलंबी बन सके। शिक्षण के बाद संस्था उसे तकनीकी शिक्षा दिलाएगी।
न्यायालय में चलेगा आपराधिक मुकदमा
लखीमपुर : विशेष किशोर पुलिस इकाई बल के सामाजिक कार्यकर्ता कय्यूम जरवानी ने बताया कि भीख मागने के लिए किसी किशोर या बालक को प्रेरित करने या मंगवाने का मामला प्रकाश में आता है तो आरोपी के विरुद्ध न्यायालय में आपराधिक मुकदमा चलेगा। किशोर न्याय बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम की धारा 24 की उप धारा-1 में व्यवस्था है कि संबंधित को भीख मंगवाने पर तीन वर्ष का कारावास और जुर्माने की सजा भुगतनी होगी। बाल कल्याण समिति मामले की जांच कराकर कार्रवाई कराएगी।